Hindi, asked by hamdan21, 6 months ago

लेखिका की नानी की आज़ादी के आंदोलन में किस प्रकार की भागीदारी रही?​

Answers

Answered by sushilkumar281983
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Explanation:

लेखिका की नानी ने जब स्वयं को मौत के करीब पाया तो अब उन्हें अपनी 15 वर्षीय इकलौती पुत्री का विवाह की चिंता होने लगी |वे अपने पति के अनुसार किसी साहब के फारमा बरदार के साथ अपनी बेटी का विवाह हो नहीं होने देना चाहते थीं |इसलिए उन्होंने अपने पति के मित्र प्यारे लाल शर्मा जी से वचन लिया कि वे उनकी बेटी का विवाह किस स्वतंत्रता सेनानी से ही करवाएंगे| इस प्रकार अपनी बेटी का विवाह स्वतंत्रता सेनानी के साथ करवा कर उन्होंने आजादी के आंदोलन में योगदान दिया |

Answered by Braɪnlyємρєяσя
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: Required Answer

 \implies लेखिका की नानी ने आज़ादी के आंदोलन में प्रत्यक्ष रूप से भाग नहीं लिया था, पर आज़ादी के आंदोलन में उनका अप्रत्यक्ष योगदान अवश्य था। वे अनपढ़ परंपरागत परदानशीं औरत थीं। उनके मन में आज़ादी के प्रति जुनून था। यद्यपि उनके पति अंग्रेजों के भक्त थे और साहबों के समान रहते थे पर अपनी मृत्यु को निकट देखकर उन्होंने अपने पति के मित्र स्वतंत्रता सेनानी प्यारेलाल शर्मा को बुलवाया और स्पष्ट रूप से कह दिया कि उनकी बेटी का वर वे ही अपने समान ही। किसी स्वतंत्रता के दीवाने लड़के को खोज कर दें। इससे उनकी बेटी का विवाह आज़ादी के आंदोलन में भाग लेने वाले उस लड़के से हो सका जिसे आई.सी.एस. परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया था। इस तरह उसकी नानी ने आज़ादी के आंदोलन में भागीदारी निभाई।

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