लेखिका की नानी की आज़ादी के आंदोलन में किस प्रकार की भागीदारी रही?
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उत्तर :
लेखिका की नानी ने जब अपने आप को को मौत के करीब पाया तो उन्हें अपनी 15 वर्षीय इकलौती पुत्री के शादी की फिक्र होने लगी। वे अपने पति के अनुसार किसी साहबों के फ़रमा बरदार के साथ अपनी बेटी की शादी नहीं होने देना चाहती थी। इसलिए उन्होंने अपने पति के दोस्त प्यारे लाल शर्मा से वादा लिया कि उनकी बेटी की शादी किसी स्वतंत्र सेनानी से ही करवाएंगे । इस प्रकार अपनी बेटी की शादी स्वतंत्रता सेनानी के साथ करवा कर उन्होंने आजादी के आंदोलन में योगदान दिया था।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
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उत्तर: लेखिका की नानी ने दामाद बनाने के लिए ऐसे व्यक्ति को ढ़ूँढ़ने की बात की जो आजादी का सिपाही हो। इस तरह से लेखिका की नानी परोक्ष रूप से आजादी के आंदोलन में भागीदारी रहीं।
आशा है कि यह उत्तर आपको अच्छा लगे।।
धन्यवाद।।
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