Hindi, asked by pveerta, 3 days ago

लेखिका के प्रति मंगर के अपराजिता स्नेही के क्या कारण थे​

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Answered by Xxitzking01xX
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अपराजिता लता वाला पौधा है। इसके आकर्षक फूलों के कारण इसे लान की सजावट के तौर पर भी लगाया जाता है। ये इकहरे फूलों वाली बेल भी होती है और दुहरे फूलों वाली भी। फूल भी दो तरह के होते हैं - नीले और सफेद।

बंगाल या पानी वाले इलाकों में अपराजिता एक बेल की शक्ल में पायी जाती है। इसका पत्ता आगे से चौडा और पीछे से सिकुडा रहता है। इसके अन्दर आने वाले स्त्री की योनि की तरह से होते है इसलिये इसे ’भगपुष्पी’ और ’योनिपुष्पी’ का नाम दिया गया है। इसका उपयोग काली पूजा और नवदुर्गा पूजा में विशेषरूप में किया जाता है। जहां काली का स्थान बनाया जाता है वहां पर इसकी बेल को जरूर लगाया जाता है। गर्मी के कुछ समय के अलावा हर समय इसकी बेल फूलों से सुसज्जित रहती है।

Answered by llMadeSavagell
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अपराजिता (aparajita tree) के बीज सिर दर्द को दूर करने वाले होते हैं। दोनों ही प्रकार की अपराजिता बुद्धि बढ़ाने वाली, वात, पित्‍त, कफ को दूर करनी वाली है। अपराजिता के इस्‍तेमाल से सााधारण से लेकर गंभीर बीमारियों का उपचार किया जा सकता है। यह शरीर के विभिन्‍न अंगों में होने वाले सूजन के लिए भी लाभप्रद है।

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