Hindi, asked by destructor198804, 8 months ago

"लोखड़ौन, प्रकृति के लिए वरदान" write an essay on this topic in about 300-350 words

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Answered by Anonymous
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रामनगर नैनीताल कोरोना वायरस जहां मानव जाति के लिए अभिशाप लेकर आया है, वहीं प्रकृति के लिए वरदान नदी, हवा, पानी अचानक सब पहले जैसा होने लगे हैं। जब प्रकृति का इतना दोहन नहीं हुआ था तब विश्व प्रसिद्ध कार्बेट नेशनल पार्क और उसके आसपास के वन्यजीव जंतुओं का जीवन प्रकृति के साथ व्यतीत होता था। तब ना होटल, रिजाॅर्ट, बस्ती, डीजे की तेज आवाज, ना वाहनों का शोर, ना ही जंगलों में इंसानी दखल होता था। अब लाॅकडाउन के बाद फिर से वहीं नजारा देखने को मिल रहा है। ऐसा लगता है जैसे सदियों पुरानी दुनिया लौट कर आ गई हो। अब तो जंगल का राजा, हाथियों और हिरणों का झुंड सब लॉकडाउन का जमकर मजा ले रहे हैं। वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर दीप रजवार ने बताया यह लॉकडाउन प्रकृति के लिए वरदान साबित हुआ है। आप घर बैठे चिड़ियों की चहचहाहट आसानी से सुन सकते हैं, जो पहले ध्वनि प्रदूषण की वजह से इतना साफ नहीं सुनाई देती थी वन्यजीवों का आचरण विचरण, जो इंसानी दखल से कम हो गया था, लाॅकडाउन की वजह से प्रकॄति अपने मूल रूप में आ रही है। हम सब इससे सबक ले सकते हैं और कम से कम महीने में 1 दिन संपूर्ण लॉकडाउन करके प्रकृति को होने वाले नुकसान में कमी कर सकते हैं।

Answered by jasmitavaafs2jodhpur
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Hello myself jasmita nice to meet you

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