लेखक हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार आज समाज में कों कों सी बुराइयां दिखाई देती हैं
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‘क्या निराश हुआ जाये’ पाठ में लेखक हजारी प्रसाद द्विवेदी जी के अनुसार समाज में अनेक तरह की बुराइयां फैली हुई हैं। आज के समय में डकैती चोरी तस्करी और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। आज का समय ऐसा है कि आदमी एक आदमी दूसरे आदमी पर विश्वास नहीं कर सकता। ईमानदारी से काम करने वाले लोग भूखे मर रहे हैं और जो बेईमान हैं, धोखाधड़ी करने वाले हैं, वे लोग ऐश कर रहे हैं। लोग अपने स्वार्थ में इतने लिप्त हैं कि अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं। समाचार पत्रों में चोरी, डकैती, ठगी, तस्करी, भ्रष्टाचार जैसी घटनाओं से संबंधित समाचार भरे पड़े रहते हैं। जिससे लेखक के मन में आक्रोश उत्पन्न होता है और लेखक का मन कभी कभी निराश हो जाता है कि हमारा समाज किस ओर जा रहा है कि यह वही भारतवर्ष है जिसका सपना गांधी, टैगोर, तिलक ने देखा था।
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