Hindi, asked by vanshikakumari833, 9 months ago

लेखक के अनुसार प्रेमचंद्र किस पर हंस रहे थेलेखक के अनुसार प्रेमचंद किस पर हंस रहे थे ​

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Answered by shishir303
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लेखक के अनुसार प्रेमचंद समाज की संवेदनहीनता, पाखंड और ढोंग पर हँस रहे थे। वे अपनी मुस्कान की माध्यम से उन तथाकथित साहित्य प्रेमियों पर व्यंग कर रहे थे जो उनके नाम पर लाखों रुपए कमाते हैं।

‘प्रेमचंद के फटे जूते’ निबंध में लेखक हरिशंकर परसाई ने व्यंग किया है, कि वो प्रेमचंद, जो कहानी सम्राट, उपन्यास सम्राट के नाम से जानी जाते हैं, जिनके नाम पर आज हजारों लाखों रुपए का कारोबार होता है। लोग हजारों, लाखों, करोड़ो कमाते हैं, वह महान साहित्यकार अपने जीवन के अंतिम महत्वपूर्ण दिनों में एक जोड़ी ढंग के जूतों के लिए अभावग्रस्त थे यदि उनके पास एक जोड़ी ढंग के जूते होते तो वह फोटो खिंचवाने जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर फटे हुए जूते क्यों पहने बैठे होते। फिर भी वह फोटो में मुस्कुरा रहे हैं तो वह समाज उन तथाकथित साहित्यकारों और बाजारवाद के पोषकों पर व्यंग कर रहे हैं जो उनके नाम पर हजारों लाखों कमाते हैं लेकिन उनके लिए एक जोड़ी ढंग के जूते तक नहीं उपलब्ध करा पाए।

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प्रेमचंद की आंखों में लेखक को क्या दिखाई देता है

https://brainly.in/question/24066365  

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Answered by riyakushwaha348
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Answer:

प्रेमचंद के फटे जूते (हरिशंकर परसाई)

लेखक के अनुसार प्रेमचंद लेखक और उन जैसे सभी लोगों पर हँस रहे हैं जो अपनी कमजोरियों को छिपाने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं और संकोचवश उसे दूसरों के सामने प्रकट नहीं करते।

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