लेखक के लिए ज्यादा देर तक पढ़ना क्यों मुश्किल था ? पाठ बड़े भाई साहब के आधार पर लिखिए।
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संदर्भ — ये प्रश्न ‘मुंंशी प्रेमचंद’ द्वारा लिखित “बड़े भाईसाब” कहानी से लिया गया है।
उत्तर — लेखक को ज्यादादेर तक पढ़ना इसलिये मुश्किल लगता था क्योंकि लेखक का मन पढ़ाई में नही लगता था। लेखक को एक घंटे तक भी किताब लेकर बैठना किसी पहाड़ पर चढ़ने जैसा लगता था। लेखक का मन करता था कि कब उसे पढ़ाई से छुटकारा मिले और वह खेलने के लिये मैदान में पहुंच जाये। पत्थर के छोटे-छोटे टुकड़ों को हवा में उछाले। कागज की तितलियां बनाकर उड़ाये। अपने दोस्तों के साथ खूब मौज-मस्ती करे। कभी चार-दीवारी पर चढ़कर कूदे। कभी फाटक पर चढ़ कर उसे आगे-पीछे कर मोटरकार के जैसा मजा ले। पर इन सब बातों के विपरीत उसे अपने बड़े भाईसाब के अनुशासन में बेमन से पढ़ना पड़ता था इसलिये लेखक को ज्यादा देर तक पढ़ना बड़ा मुश्किल लगता था।
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