Hindi, asked by 8B7451, 9 months ago

लेखक की दृष्टि पड़ते ही औस क्यो ठहर गाई ।पानी की कहानी ​

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Answered by shaheenkausar006
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ओस की बूंद कहानी में लेखक श्रोता है। ठीक उसी तरह हमारे आसपास भी बहुत सी चीजें होती है जो हमसे बहुत कुछ कहती हैं मगर हम सुन नहीं पाते हैं। आज ओस की कहानी की तरह मैं आपको एक पेड़ की कहानी सुनाती हूं--

एक दिन मैं गर्मी में कालेज से घर आ रही थी। उस दिन कुछ राजनीतिक दल के मीटिंग के कारण सड़क पर वाहन नहीं थे तो मजबूरी में पांच किलोमीटर मैं घर चलकर आ रही थी। आधे रास्ते में मैं आकर थक गई चारों और सूर्य अपने तपीश से सबको गर्मी दे रहा था। मैं पेड़ की छाया तलाश रही थी।

मुझे एक पेड़ दिखा भी जो अर्धमरा था। मगर फिर भी अपनी छाया से मुझ जैसे की लोगों के लिए वह सहारा है। मैं बैठ गई और पानी पी रही थी तभी पेड़ का एक शिखर आकर मेरे पानी के बोतल से पानी गिरा दिया। मैं सहम गई और पेड़ को देखी तो ऐसा लगा कि मानो पेड़ मुझसे कहना चाहता था।

मैंने पेड़ को स्पर्श किया तो मुझे ऐसा लगा कि उसने भी मुझे स्पर्श किया। फिर पेड़ की आवाज सुनाई दी की मुझे पानी की जरूरत है आज सालों बाद पानी देखकर मैं रोक नहीं पाया और तुम्हारे पानी को गिरा दिया क्योंकि तुम मानव की तरह हम मानव को भी प्यास लगती है। मगर आज सब मनुष्य अंधे धुंध होकर चलते हैं। सब अपना समझते हैं।

हम पेड़ों की बहुत कम लोग रक्षा करते हैं। मैं चाहता हूं कि तुम भी मेरी रक्षा करो। मैंने पेड़ से कहा कि मैं पेड़ पौधों को पसंद करती हूं और पर्याप्त पानी देती हूं। मगर अबसे तुमको भी हर रोज़ पानी दूंगी पेड़ खुश हो गया और तब से वह पेड़ और मैं एक दोस्त हो गए। आज वह पेड़ फिर से मेरे प्रयास से जीवित हो पाया है। मुझे देखकर भी लोग उस पेड़ को पानी देते हैं और पेड़ सबको शीतलता प्रदान करता है।

Answered by lata40386
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