लेखक ने 26 जनवरी 1931 के दिन को अमर क्यों कहा गया है ? वर्णन कीजिये | (5)
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गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को हर साल सभी जगह बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है | 26 जनवरी सन 1950 को हमारे देश को पूर्ण स्वायत्त गणराज्य घोषित किया गया था और इसी दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। यह भारत का राष्ट्रीय पर्व है, गणतंत्र दिवस के दिन भारतवासी पूरे उत्साह, जोश और सम्मान के साथ मनाता है। राष्ट्रीय पर्व होने के नाते इसे हर धर्म, संप्रदाय और जाति के लोग मनाते हैं। देश के प्रधानमंत्री द्वारा इंडिया गेट पर शहीद ज्योति का अभिनंदन करने के साथ ही उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाते हैं। आज यह आज़ादी हमें शहीदों के कारण मिली जिन्होंने एक बार भी अपनी जान देश के लिए समर्पित कर दिए | इनकी याद में हम इस दिन गांव से लेकर शहरों तक, राष्ट्र भक्ति के गीतों से याद करते है | इस परेड में तीनों सेना के प्रमुख राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है एवं सेना द्वारा प्रयोग किए जाने वाले हथियार, प्रक्षेपास्त्र एवं शक्तिशाली टैंकों का प्रदर्शन किया जाता है एवं परेड के माध्यम से सैनिकों की शक्ति और पराक्रम को बताया जाता है। 26 जनवरी को पूरा भारत गणतंत्र दिवस मनाता है, इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था, इस उपलक्ष्य पर भारत यह पर्व मनाता है. हालांकि 26 जनवरी का दिन इतिहास में भारत के लिए अन्य वजहों से भी खास रहा है | अशोक स्तंभ को राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न के रूप में अपनाया गया | दिल्ली के इंडिया गेट पर राष्ट्रीय स्मारक अमर जवान ज्योति को स्थापित किया गया|
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स्त्रियों की संख्या बहुत अधिक उत्तर : 26 जनवरी 1931 को अमर बनाने के लिए इस प्रकार थी। तभी सुभाष बाबू को गिरफ़्तार करके लाल बाज़ार तैयारियाँ की गईं - कलकत्ता के बड़े बाज़ार के सभी लॉकअप में भेज दिया गया। कुछ देर बाद ही स्त्रियाँ जुलूस मकानों को बहुत अच्छे तरीके से सजाया गया। उन पर बनाकर वहाँ से चलीं।
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