Hindi, asked by akshat862230, 4 months ago

लेखक ने अपने जीवन की दो घटनाओं में रेलवे के टिकट बाबू और बस
कंडक्टर की अच्छाई और ईमानदारी की बात बताई है। आप भी अपने या
अपने किसी परिचित के साथ हुई किसी घटना के बारे में बताइए
किसी ने बिना किसी स्वार्थ के भलाई, ईमानदारी और अच्छाई के कार्य
किए हों।​

Answers

Answered by santosh2277
4

Answer:

लेखक के अनुसार, दोषों का पर्दाफ़ाश करना बुरी बात नहीं होती है। परन्तु, इसमें बुराई तब सम्मिलित हो जाती है जब हम किसी के आचरण के गलत पक्ष को उद्घाटित करके उसमें रस लेते है। लेखक के अनुसार यह ग़लत बात है। हमारा दूसरों के दोषोद्घाटन को अपना कर्त्तव्य मान लेना सही नहीं है।

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