लेखक ने अपने जीवन की दो घटनाओं में रेलवे के टिकट बाबू और बस
कंडक्टर की अच्छाई और ईमानदारी की बात बताई है। आप भी अपने या
अपने किसी परिचित के साथ हुई किसी घटना के बारे में बताइए
किसी ने बिना किसी स्वार्थ के भलाई, ईमानदारी और अच्छाई के कार्य
किए हों।
Answers
Answered by
4
Answer:
लेखक के अनुसार, दोषों का पर्दाफ़ाश करना बुरी बात नहीं होती है। परन्तु, इसमें बुराई तब सम्मिलित हो जाती है जब हम किसी के आचरण के गलत पक्ष को उद्घाटित करके उसमें रस लेते है। लेखक के अनुसार यह ग़लत बात है। हमारा दूसरों के दोषोद्घाटन को अपना कर्त्तव्य मान लेना सही नहीं है।
Similar questions