लेखक ने फादर कामिल बुल्के के रोग के विधान पर क्या टिपण्णी की है
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लेखक ने फादर कामिल बुलके के रोग के विधान पर अनेकोनके टिपण्णी की है:-
1.जो व्यक्ति के अंदर सिर्फ और सिर्फ वात्सल एवं ममत्त्व भरा हो, उसे ग्रन्गिन जैसे असाद्य रोग से मीरतु नहीं होनी चाहिए थी।
2.जिसने अपनों के साथ साथ दुसरो को भी परिवार की तरह देखा है उसे इस जहरबाद से नहीं मरना चाहिए था।
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