लेखक ने नवाब साहब के सामने बैठकर आँखें क्यों चुराई ?
(क) शर्म के कारण
(ख) लेखक एक बहुत बड़ा व्यक्ति था
(ग) अपने प्रति नवाब की अरुचि देखकर
(घ) उपर्युक्त सभी कथन सही
Answers
सही विकल्प होगा...
✔ (ग) अपने प्रति नवाब की अरुचि देखकर
स्पष्टीकरण ⦂
✎... लेखक ने नवाब साहब के सामने बैठकर आँखें इसलिए चुराई क्योंकि इससे पहले नवाब साहब ने लेखक के साथ बेरूखा व्यवहार किया था। जब लेकर ट्रेन के डिब्बे में दाखिल हुआ तो सामने की बर्थ पर एक नवाब साहब बैठे थे। नवाब साहब को बैठा देखकर लेखक ने उनसे बातचीत करने की उत्सुकता दिखाई, लेकिन नवाब साहब ने लेखक से बातचीत करने में कोई उत्सुकता नहीं दिखाई। नवाब साहब के बेरूखे व्यवहार के कारण लेखक के आत्मसम्मान को ठेस पहुंची। अपने आत्मसम्मान की रक्षा के लिए लेखक भी नवाब साहब के सामने की बर्थ पर बैठकर उनसे आँखें चुराने लगा।
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Answer:
लेखक के डिब्बे में कदम रखते ही नवाब साहब की आँखों में असन्तोष झलकने लगा तथा संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया। लेखक ने इसे अपना अपमान समझा। नवाब के हाव-भावों में स्वयं के प्रति अनादर तथा मैत्री की अनिच्छा पाकर उन्होंने भी आत्मसम्मान में सामने की बर्थ पर बैठकर आँखें चुरा लीं।