लेखक ने शिरीष को कालजयी अवधूत (संन्यासी) की तरह क्यों माना है?
Answers
Answer:
Jdjeoziiwnwnjaj2rkEnergy of electric dipole in electric field in stable equilibrium..Energy of electric dipole in electric field in stable equilibrium..Energy of electric dipole in electric field in stable equilibrium..Energy of electric dipole in electric field in stable equilibrium..Energy of electric dipole in electric field in stable equilibrium..Energy of electric dipole in electric field in stable equilibrium..Energy of electric dipole in electric field in stable equilibrium..Energy of electric dipole in electric field in stable equilibrium..Energy of electric dipole in electric field in stable equilibrium..Energy of electric dipole in electric field in stable equilibrium..Energy of electric dipole in electric field in stable equilibrium..Energy of electric dipole in electric field in stable equilibrium..Energy of electric dipole in electric field in stable equilibrium..Energy of electric dipole in electric field in stable equilibrium..Energy of electric dipole in electric field in stable equilibrium..Energy of electric dipole in electric field in stable equilibrium..Energy of electric dipole in electric field in stable equilibrium..Energy of electric dipole in electric field in stable equilibrium..Energy of electric dipole in electric field in stable equilibrium..1 Farad = ...
लेखक ने शिरीष के वृक्ष को कालजयी अवधूत यानी कि संन्यासी की तरह माना है, क्योंकि शिरीष के वृक्ष को सन्यासी की भांति सुख-दुख की कोई चिंता नहीं रहती। शिरीष ने जीवन की अजेयता का मंत्र प्राप्त कर लिया है। जब पृथ्वी अग्नि के समान तप रही होती है, चारों तरफ गर्म वातावरण होता है तब भी शिरीष कोमल फूलों से लदा हुआ खिला-खिलाता रहता है। बाहर की वर्षा, आंधी, गर्मी, लू आदि उसे जरा भी प्रभावित नहीं करती।
शिरीष विपरीत और विषम परिस्थितियों में भी निस्पृह भाव से अविचल खड़ा रहता है। अवधूत यानि कि सन्यासियों का स्वभाव भी ऐसा ही होता है। उन्हें जीवन के सुख-दुख की कोई चिंता नहीं रहती है, वे हर परिस्थिति में एक समान रहते हैं। उसी प्रकार शिरीष का वृक्ष भी सन्यासियों की तरह आचरण करता है।