Hindi, asked by ritikarajak63, 3 months ago

लेखक प्रेमचंद्र ने मासिक वेतन को पूर्णमासी का चांद क्यों कहा है​

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Answered by shishir303
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लेखक प्रेमचंद ने मासिक वेतन को पूर्णमासी का चाँद इसलिए कहा है, क्योंकि जिस तरह पूर्णमासी का चाँद महीने में केवल एक बार ही दिखाई देता है। उसी तरह वेतन भी महीने के आखिर में एक बार ही प्राप्त होता है।

व्याख्या...

➤ ‘नमक का दरोगा’ कहानी में मुंशी वंशीधर अपने लिये नौकरी ढूंढ रहा था, तब वंशीधर के पिता ने मुंशी वंशीधर को समझाते हुए कहा था कि ऐसा काम ढूंढना जहाँ कुछ ऊपरी आमदनी हो। मासिक आय तो पूर्णमासी के चाँद की तरह होती है जो केवल एक दिन दिखाई देता है और फिर दिनों के घटते-घटते गायब हो जाता है। ऊपर की आमदनी एक बैठा हुआ स्रोत है, जिससे हमेशा प्यास बुझती है। वेतन तो मनुष्य देता है और उसमें वृद्धि नहीं होती, लेकिन ऊपरी आमदनी ईश्वर देता है और उसमें हमेशा वृद्धि होती रहती है।

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