लेखन-अभिव्यक्ति
'दहेज़ के रिवाज़ को समाप्त करना होगा'- विषय पर एक सारगर्भित अनुच्छेद लिखिए।
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वर्तमान में माता-पिता के प्यार तथा स्नेह भरे हृदय पर सबसे भयंकर वज्रपात दहेज का होता है क्योंकि इस दहेज प्रथा ने समाज में अपने वीभत्स सीमा को पार करके एक कुलंषित कलंक बन चूका है | इस युग में दहेज जैसी कुप्रथा समूची मानवता और उसकी नैतिकता के लिए घोर अपमान है |आज के समय में दहेज एक सामाजिक अभिशाप या कुरूति अथवा कंलक है जिसको विवाह की एक शर्त के रूप में कन्यापक्ष द्वारा वरपक्ष को विवाह से पूर्व या बाद में अवश्य देना पड़ता है | दहेज प्रथा के खिलाफ भारत सरकार ने कई कानून भी बनाए है लेकिन उन कानूनों का हमारे रूढ़िवादी सोच वाले लोगों पर कोई असर नहीं होता है। वह दहेज लेना एक अभिमान का विषय मानते है। जिसको जितना ज्यादा दहेज मिलता है वह उतना ही गर्व करता है और पूरे गांव में इसका ढिंढोरा पीटता है। जबकि दहेज गर्व का नहीं शर्म का विषय है।
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