लालच करना बुरी बला plz friends aap hindi me answer they
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किसी गाँव में एक गडरिया रहता था | उसके पास बहुत सारी भेड़ें थी | जिन्हें चराने के लिए वो रोज जंगल में ले जाया करता था | जंगली जानवरों से अपनी भेड़ों की सुरक्षा के लिए उसने कुत्ते पाल रखे थे | कुत्ते बहुत खूंखार थे और किसी भी जंगली जानवर को भेड़ों के नजदीक नहीं आने देते थे | वंहा एक भेड़िया भी रहता था | भेड़िया जब भी इन भेड़ों को जंगल में घास चरते हुए देखता तो उसकी जीभ लपलपाने लगती वह हमेशा ताक में रहता कि कैसे भी कोई भेड़ उसके हाथ लग जाएँ मगर उन कुत्तों के आगे उसकी एक भी नहीं चलती थी |
एक दिन गडरिये ने एक भेड़ को मारकर उसका मास पकाया और उसकी खाल को बाहर सूखने के लिए डाल दिया भेड़िया की नजर जब भेड़ की उस खाल पर पड़ी तो वह सोचने लगा कि अगर यह खाल मुझे मिल जाये तो इसे पहनकर मैं भेड़ों के बीच में आराम से जा सकता हूँ | पर मौका मिलने पर किसी भेड़ का शिकार भी कर सकता हूँ | यह सोचने के बाद वह भेड़ों का जंगल में जाने का इन्तजार करने लगा | थोड़ी देर में गडरिया आया | और भेड़ों को लेकर जंगल में चला गया | इसके बाद भेडिये ने मौका पाकर बाहर सूख रही उस भेड़ की खाल को उठाया और उसे ओढ़कर वन्ही पर एक कोने में छिपकर भेड़ों के वापिस आने का इंतजार करने लगा शाम होने पर जब भेड़ें वापिस आयी तो भेड़िया भी चुपचाप उनके झुण्ड में शामिल हो गया | भेड़ों को बाड़े में पहुचने के बाद गडरिया अपने घर के भीतर चला गया |
एक दिन गडरिये ने एक भेड़ को मारकर उसका मास पकाया और उसकी खाल को बाहर सूखने के लिए डाल दिया भेड़िया की नजर जब भेड़ की उस खाल पर पड़ी तो वह सोचने लगा कि अगर यह खाल मुझे मिल जाये तो इसे पहनकर मैं भेड़ों के बीच में आराम से जा सकता हूँ | पर मौका मिलने पर किसी भेड़ का शिकार भी कर सकता हूँ | यह सोचने के बाद वह भेड़ों का जंगल में जाने का इन्तजार करने लगा | थोड़ी देर में गडरिया आया | और भेड़ों को लेकर जंगल में चला गया | इसके बाद भेडिये ने मौका पाकर बाहर सूख रही उस भेड़ की खाल को उठाया और उसे ओढ़कर वन्ही पर एक कोने में छिपकर भेड़ों के वापिस आने का इंतजार करने लगा शाम होने पर जब भेड़ें वापिस आयी तो भेड़िया भी चुपचाप उनके झुण्ड में शामिल हो गया | भेड़ों को बाड़े में पहुचने के बाद गडरिया अपने घर के भीतर चला गया |
sunitalal:
Thank you
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एक जंगल में एक बहुत बड़ा हाथी रहता था| वह इतना विशाल था, कि जब वह जंगल में निकलता तो जंगल के सभी जानवर अपनी जान बचाकर भागने लगते| उसके बड़े-बड़े पैरों के निचे कई हठी कुचलकर मर जाते| पूरा जंगल उस हाथी के आतंक से बहुत परेशान था| जंगल के सभी जानवर हाथी को मार गिराने का उपाय सोचते रहते, लेकिन कोई भी ऐसा उपाय नहीं सुझा पता जिससे उस विशालकाय हाथोई को मार दिया जा सके|
सभी जानवर हाथी के आतंक से इतना परेशान हो चुके थे की अब हाथी को मार गिराने के अलावा उनके पास और कोई चारा नहीं था| लेकिन असली परेशानी यह थी, कि आखिर कैसे इतने पड़े विशालकाय हाथी के आतंक से छुटकारा पाया जा सके| इसके लिए जंगल के सभी जानवरों ने बरगद के एक पेड़ के निचे मीटिंग करने का फैसला किया| तय समय पर जंगल के सभी जानवर बरगद के पेड़ के निचे इकठ्ठा हुए| इसी बिच हाथी को मार गिराने का बीड़ा उठाया एक वृद्ध सियार ने|
सियार ने सभी जानवरों कहा- भाइयों आपने द्वारा बताए गए सभी उपाय स्वयं के लिए खातार्नाख है, इसलिए उन पर अमल नहीं किया जा सकता लेकिन में आप सभी से करता हूँ, कि में हाथी को मार कर ही दम लूँगा|
“लेकिन कैसे” ( सभी जानवरों ने एक स्वर में पुछा )
“अपनी बुद्धि और विवेक से….याद रखिये दुनिया में कोई भी कार्य असंभव नहीं होता” ( वृद्ध सियार ने कहा…)
ठीक है, अगर आप दुष्ट हाथी को मारने में सफल हो गए तो हम सब आपको अपना सरदार मान लेंगे.. ( सभी जानवरों ने एकमत होकर कहा )
अगले दिन सुबह सुबह वह वृद्ध और बुद्धिमान सियार हाथी के निवास स्थान पर पहुंचा और हाथी से प्रणाम कारते हुए बोला …”श्री गजराज की जय हो….गजराज में आपके समक्ष जंगल के सभी जानवरों की और से उपस्थित हुआ हूँ | बात यह है, कि जंगल के राजा शेर अपनी जिम्मेदारियां सही ढंग से निभा नहीं पा रहें हैं, इसीलिए जंगल के सभी जानवरों ने आपको जंगल का नया राजा नियुक्त किया है| इसी विषय में आज सभी जानवर बरगद के पेड के निचे एकत्रित हुए हैं अतः आप चलिए और पदभार ग्रहण कर के अपने दायित्व को निभाइए|
बूढ़े सियार की बात सुनकर दुष्ट हाथी सत्ता के लोभ में फस गया और बिना कुछ सोचे समझे सियार के पीछे-पीछे चल दिया | सियार हाथी को उस रस्ते से बरगद के पेड की और ले गया जहाँ रास्ते में एक गहरा दलदल था| हाथी के दिमाग में सत्ता इस कदर हावी हो चुकी थी की उसे रास्ते का कुछ बोझ ही नहीं रहा| हाथी के विशालकाय होने के कारण जैसे ही हाथी का पैर दलदल में पड़ा वह और दलदल में धसता चला गया| हाथी ने सियार को मदद के लिए विनती की लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, हाथी सियार के जाल में फास चूका था|
कहानी का तर्ज यह है, कि कभी भी लालच में आकर जल्दबाजी में फैसला नहीं करना चाहिए! हमेशा अपनी बुद्धि और विवेक से काम ले |
सभी जानवर हाथी के आतंक से इतना परेशान हो चुके थे की अब हाथी को मार गिराने के अलावा उनके पास और कोई चारा नहीं था| लेकिन असली परेशानी यह थी, कि आखिर कैसे इतने पड़े विशालकाय हाथी के आतंक से छुटकारा पाया जा सके| इसके लिए जंगल के सभी जानवरों ने बरगद के एक पेड़ के निचे मीटिंग करने का फैसला किया| तय समय पर जंगल के सभी जानवर बरगद के पेड़ के निचे इकठ्ठा हुए| इसी बिच हाथी को मार गिराने का बीड़ा उठाया एक वृद्ध सियार ने|
सियार ने सभी जानवरों कहा- भाइयों आपने द्वारा बताए गए सभी उपाय स्वयं के लिए खातार्नाख है, इसलिए उन पर अमल नहीं किया जा सकता लेकिन में आप सभी से करता हूँ, कि में हाथी को मार कर ही दम लूँगा|
“लेकिन कैसे” ( सभी जानवरों ने एक स्वर में पुछा )
“अपनी बुद्धि और विवेक से….याद रखिये दुनिया में कोई भी कार्य असंभव नहीं होता” ( वृद्ध सियार ने कहा…)
ठीक है, अगर आप दुष्ट हाथी को मारने में सफल हो गए तो हम सब आपको अपना सरदार मान लेंगे.. ( सभी जानवरों ने एकमत होकर कहा )
अगले दिन सुबह सुबह वह वृद्ध और बुद्धिमान सियार हाथी के निवास स्थान पर पहुंचा और हाथी से प्रणाम कारते हुए बोला …”श्री गजराज की जय हो….गजराज में आपके समक्ष जंगल के सभी जानवरों की और से उपस्थित हुआ हूँ | बात यह है, कि जंगल के राजा शेर अपनी जिम्मेदारियां सही ढंग से निभा नहीं पा रहें हैं, इसीलिए जंगल के सभी जानवरों ने आपको जंगल का नया राजा नियुक्त किया है| इसी विषय में आज सभी जानवर बरगद के पेड के निचे एकत्रित हुए हैं अतः आप चलिए और पदभार ग्रहण कर के अपने दायित्व को निभाइए|
बूढ़े सियार की बात सुनकर दुष्ट हाथी सत्ता के लोभ में फस गया और बिना कुछ सोचे समझे सियार के पीछे-पीछे चल दिया | सियार हाथी को उस रस्ते से बरगद के पेड की और ले गया जहाँ रास्ते में एक गहरा दलदल था| हाथी के दिमाग में सत्ता इस कदर हावी हो चुकी थी की उसे रास्ते का कुछ बोझ ही नहीं रहा| हाथी के विशालकाय होने के कारण जैसे ही हाथी का पैर दलदल में पड़ा वह और दलदल में धसता चला गया| हाथी ने सियार को मदद के लिए विनती की लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, हाथी सियार के जाल में फास चूका था|
कहानी का तर्ज यह है, कि कभी भी लालच में आकर जल्दबाजी में फैसला नहीं करना चाहिए! हमेशा अपनी बुद्धि और विवेक से काम ले |
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