लैमार्कवाद पर टिप्पणी लिखिए।
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लैमार्कवाद, फ्रांस के जीववैज्ञानिक लैमार्क द्वारा प्रतिपादित विकासका सिद्धान्त (विकासवाद) था जो किसी समय बहुत मान्य हुआ था किन्तु बाद में इसे अस्वीकार कर दिया गया। संक्षेप में लामार्क का विकासवाद (या, लैमार्कवाद) यह है - वातावरण के परिवर्तन के कारण जीव की उत्पत्ति, अंगों का व्यवहार या अव्यवहार, जीवनकाल में अर्जित गुणों का जीवों द्वारा अपनी संतति में पारेषण। इस मत और डार्विन के मत में यह अंतर है कि इस मत में डारविन के प्राकृतिक वरण के सिद्धांत का अभाव है।
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Answer:
जीवों के शरीर तथा अंगों के आकार में वृद्धि होने की प्रवृत्ति पाई जाती है। जन्तु जिन अंगों का अधिक उपयोग करता है, वे अंग अधिक विकसित हो जाते हैं, तथा जिन अंगों को कम उपयोग होता है वे ह्वासित होने लगते हैं एवं अन्त में विलुप्त हो जाते हैं।
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