लूट लिया माली ने उपवन
श्लेष अलंकार स्पष्ट करे
विद explanation
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माली के दो अर्थ है पहला ईश्वर और दूसरा बगीचे का रखवाला । इसलिए श्लेष अलंकार है।
“लूट लिया माली ने उपवन” इस पंक्ति में श्लेष अलंकार की प्रकटीकरण का कारण की व्याख्या इस प्रकार है...
श्लेश अलंकार वहां पर प्रयुक्त होता है। जहां किसी एक शब्द के अनेक अर्थ निकाले जाएं। एक शब्द का संबंध अनेक अर्थों से हो जैसे ‘पानी गए न ऊबरे मोती मानुष चून’ यहां पानी का अर्थ तीन संदर्भ में लिया गया है, पानी मोती के संदर्भ में, पानी मनुष्य के संदर्भ में और पानी आटे के संदर्भ में। क्योंकि पानी के बिना इन तीनों का निर्माण संभव नहीं है। मोती का निर्माण भी पानी की सहायता से ही होता है। मनुष्य के लिये भी पानी ही जरूरी है। आटा भी पानी के सहायता से ही रोटी बनाने लायक बनता है।
ऊपर दी गई पंक्तियों में भी माली और उपवन का अर्थ दो अलग-अलग अर्थों से है माली अर्थात यानी बाग का रखवाला और माली यानी ईश्वर, यानी बाग रूपी दुनिया का रखवाला। उपवन यानि बाग बगीचा और उपवन यानी यह संसार। ईश्वर द्वारा प्राकृतिक आपदाओं से जो नुकसान होता है उसे ही माली ने लूट लिया संदर्भ में प्रयुक्त किया गया है।
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एक राम घनश्याम हित चातक तुलसीदास। में श्लेष अलंकार कैसे है ? Explain कीजियेगा।
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