लियो टॉलस्टॉय के जीवन व उनकी रचनाओं के बारे में 10 लाइन लिखे हिन्दी में
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टॉल्सटाय का जन्म एक यूनानी ईसाई परिवार में हुआ था । अपने माता-पिता के कहने पर वह अपने धर्म के प्रति एक अच्छी राय रखता था, किन्तु जैसे-जैसे वह बड़ा हुआ, वैसे-वैसे उसे ईसाई चर्च जाते समय यह प्रतीत होता था कि चर्च का अपना कोई अस्तित्व नहीं है, वह तो केवल सरकार की सहायता से चलता है । वास्तव में यह तो निकम्मे, बेईमान और मूर्ख लोगों का एक झुण्ड है, जिसके पीछे धर्मभीरू लोग बिना कुछ सोचे-बूझे चलते हैं ।
आध्यात्मिक जीवन मनुष्य की शान्ति के लिए है, ईश्वर के नजदीक जाने के लिए है, किन्तु चर्च जैसे धार्मिक केन्द्रों में जाकर उसे कुछ ऐसा अनुभव नहीं होता था । उसने रूसी भाषा में अनेक कहानियां लिखी थीं, जिससे उसे काफी यश, प्रसिद्धि एवं समृद्धि मिली थीं । उसका पारिवारिक जीवन पत्नी व बच्चों से भरपूर था ।
सभी दृष्टि से सम्पन्न होने के बाद भी उसके मन में अपने जीवन तथा ईश्वर की सत्ता के विषय में प्रश्न उठा करते थे, जैसे-मेरे जीने का क्या अर्थ है? सब लोगों का अस्तित्व क्या है? भीतर की अच्छाई और बुराई का अनुभव कैसे होता है? मृत्यु क्या है? कैसा जीवन जीना चाहिए? यह जानने के लिए वह चर्च के कट्टरपंथी धर्माचारियों के पास गया । उसे मानसिक शान्ति नहीं मिली । वह धर्म और दर्शन के गहरे जंगल में उलझता ही चला गया ।
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