laab aur hani essay writing...
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कदाचित राष्ट्रीय और सामाजिक जीवन में इतनी बड़ी जन-क्रांति न किसी वैचारिक जागरण के कारण हुई होगा। और न किसी मनोरंजन के साधन के नए-नए आविष्कार द्वारा ही, जितनी बड़ी जन-क्रांति हमारे जीवन में सेलुलर फोन ने की है।
आज न केवल पार्क में घूमते हुए युवक-युवतियों और बालक-वृद्धों से लेकर सड़क के किनारे-किनार साच मैं डबे चलते हए नर-नारियों के कानों में गुप-चुप बात करता हुआ सेलुलर सेट लगा रहता है, बल्कि सड़क पर झाड़ू लगाती हुई मेहतरानी के गले में और शाक-सब्जी बेचने वाले रेहड़ी वाले की बगल में आप को सेलुलर रखा दिखाई दे जायेगा मोबाइल फ़ोन पर बात करने के अलावा हम अन्य सुविधाएँ भी प्राप्त कर सकते हैं जैसे- कैलेंडर, लकलेटर, घड़ी, कैमरा, अलार्म, समाचार, रेडियो, एस.एम.एस. आदि। हम अपने बिल का भुगतान करने से लेकर अपनी यात्रा के लिए आरक्षण तक करवा सकते हैं।
यहाँ तक की इंटरनेट का उपयोग भी किया जा सकता है। प्रकृति का नियम है कि हर अच्छी वस्तु के साथ बुराई भी जुड़ी रहती है। इसी तरह मोबाइल फ़ोन यदि एक ओर फायदा करता। है तो दूसरी ओर नुकसान भी पहुंचाता है।
गाड़ी चलाते समय यदि मोबाइल पर बात करें तो यह बड़ी दुर्घटना का कारण भी बन सकता है। छात्र वर्ग इसके कारण बहुमूल्य समय को नष्ट करते रहते हैं। इसलिए इसका प्रयोग सोच-समझकर अपनी और दूसरों की सुविधानुसार करना चाहिए।
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