Hindi, asked by pahujac06, 2 months ago

laghu Katha ganga aur mai​

Answers

Answered by isha12447
1

Explanation:

मैं बनारस में रहा और वहीं पला-बढ़ा। बचपन में अक्सर पिताजी मुझे अपने साथ गंगा नदी के तट पर ले जाया करते थे। अतः मेरा जुड़ाव बचपन से ही उसके साथ रहा। बड़े होने पर गंगा मैया के पास जा शांति व सुकून की अनुभूति होती है। निर्मल, पवित्र व कल-कल करते जल में स्नान करने पर एक अनोखी ताजगी से मन भर जाता है। शाम के समय गंगा की आरती का दृश्य निराला होता है। दूर देशों से अनेक लोग उसे देखने आते हैं। लेकिन एक दिन वहाँ घटी घटना को याद कर मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। मैं अपने एक मित्र के साथ गंगा घाट गया था। वर्षा के दिन थे। गंगा अपने पूरे उफान पर थी। अचानक मेरे मित्र का पैर फिसला और अगले ही पल वह गहरे पानी में हाथ-पैर मार रहा था। यह सब कुछ इतना जल्दी हुआ कि कुछ समझ में नहीं आ रहा था। मैं घबराकर चीखने लगा। लोग जमा होने लगे लेकिन पानी का बहाव देख किसी की आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं हो रही थी। तैरना मैं भी जानता था अतः मैंने ही उसे बचाने का निश्चय किया। मैं गंगा मैया का नाम ले कूद गया। मैं सफल रहा। लोगों ने हमें तत्काल अस्पताल पहुँचाया। थोड़ी देर बाद मुझे होश आया तो देखा सब मेरी बहादुरी की प्रशंसा कर रहे थे और मैं बार-बार मन ही मन गंगा मैया का धन्यवाद कर रहा था। मुझे ही पता है कि मैया ने ही मेरी सहायता की थी वरना उस दिन मैं और मेरा मित्र काल के गाल में समा चुके होते। जय हो गंगा मैया की।

सीख-समय पर अपनी त्वरित सूझबूझ व बुद्धि से निर्णय लेना चाहिए।

Similar questions