Lakshman aur Parshuram ke samvad ka jo ansh aapko sabse achcha Laga use apni shabdon mein samvad shaili mein likhiye
परशुराम और लक्ष्मण के संवाद का जो अंश आपको सबसे अच्छा लगा उसे अपने शब्दों में संवाद शैली में लिखिए
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Answer:
लक्ष्मण - हमें तो सारे धनुष एक जैसे दिखाई देते हैं , किसी में कोई फर्क नजर नहीं आता । जो आप इतना क्रोधित हो रहे हैं।
परशुराम - हे मूर्ख लक्ष्मण लगता है तुम मेरे व्यक्तित्व के बारे में नहीं जानते हो। मैं कोई साधारण मुनि नहीं हूं ।
लक्ष्मण - यह बात सुनकर लक्ष्मण कहते हैं , मुस्कुराते हुए बड़े प्रेम पूर्वक स्वर से कहते हैं । मैं आपकी बातों से डरने वाला नहीं हूं।
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परशुराम और लक्ष्मण के संवाद का जो अंश आपको सबसे अच्छा लगा उसे अपने शब्दों में संवाद शैली में निम्न प्रकार से लिखा गया है।
परशुराम : राम ओ राम , बाहर निकलो, बिल में क्यों छुपे बैठे हो?
लक्ष्मण : ये कौन निर्लज्ज है जो श्री राम को इस प्रकार पुकार रहा है?
परशुराम : मै हूं, परशुराम ।
लक्ष्मण : तो इस प्रकार राम का अनुमोदन कैसे कर रहे हो, तुम्हे पता नहीं वो श्री राम है?
परशुराम : मेरे लिए वो राम ही है, उसने शिवजी का धनुष तोड़ने का अपराध किया है, उसे दण्ड अवश्य मिलेगा।
लक्ष्मण : ओह, इसलिए इतने क्रोधित हो, तो क्या हुआ धनुष ही तो तोड़ा है, निर्लज्ज कौन करेगा उन्हें दंडित?
परशुराम : मै करूंगा, वो धनुष शिवजी का था मूर्ख.
लक्ष्मण : धनुष तोड़ा तो कौनसी आफत अा गई, बचपन में तो हम खेल खेल में अनेक धनुष तोड़ दिया करते थे।
परशुराम : यह धनुष सामान्य धनुष नहीं था, तुम मूर्ख हो?
लक्ष्मण : सभी धनुष एक समान होते है , तुम इतना शोर मत मचाओ।
परशुराम : राम से पहले मै तुम्हारा वध करूंगा। तैयार हो जाओ।
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