Hindi, asked by mansiindora95, 1 year ago

लडका लडकी एक समान अनुछेद

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Answered by NeverMind11
6
आज के आधुनिक युग में लड़का -लड़की में कोई अंतर नहीं है। यदि आज भी कोई ऐसी धारणा रखता है के लड़की कुछ नहीं कर सकती तो वो बिल्कुल गलत सोच रहा है। आज लडकियां लड़कों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं वो सब कुछ कर रही हैं जो आज के दौरान लड़के कर सकते हैं। पिछले कुछ वर्षों के दौरान लड़कियों ने हर क्षेत्र में सफ़लता हासिल की और यह साबित किया है के लडकियां प्रत्येक क्षेत्र में कार्य करने में सक्षम हैंआज ऐसा समय आ गया है कि लड़कियां बड़े से बड़े कार्य को भी सम्भाल रही हैं पहले की तरह नहीं यहां लडकियों को केवल घर का काम और बच्चे सम्भालने की सिवाए कोई और काम नहीं होता था क्योंकि उस वक्त लड़कियों को शिक्षा नहीं दी जाती थी ।दोस्तों लड़का दलड़की एक समान यह बात बिल्कुल सत्य है आज महिलाएं भी वो सब कार्य कर रही हैं जो पुरुष कर सकते हैं आज महिलाएं घरेलू काम काज तक ही सीमित नहीं है आज वह हर कार्य करने में सक्षम हैं फिर चाहे वो डॉक्टर हो , इंजिनियर , वकील, अध्यापक पायलट आदि में अपना नाम चमका रही हैं।

किन्तु आज भी हमारे समाज में ऐसे क्षेत्र हैं यहां लडकियों के साथ बुरा व्यवहार किया जाता है उन्हें कमज़ोर समझकर उन्हें सिर्फ घरेलू कामों तक ही सीमित रखा जाता है उन्हें पढ़ने का मौका तक नहीं दिया जाता है। चिंता की बात है के ऐसे क्षेत्रों में आज भी सरकार के सख्त कानूनों के बावजूद भी लिंग परीक्षण का धंधा खुलेआम चल रहा है।

आज हमें यह समझने की सख्त जरूरत है के महिलाएं भी पुरुषों से कम नहीं है इसीलिए आज महिलायों को कमज़ोर न मानकर उन्हें किसी भी तरह के अधिकारों से वंचित नहीं रखना चाहिए क्योंकि नारी की प्रगति में ही देश और पूरे समाज की प्रगति है इसीलिए यह कहना गलत नहीं होगा के लड़का लड़की एक समान


Answered by BrainlyFIRE
6
दोस्तों लड़का दलड़की एक समान यह बात बिल्कुल सत्य है आज महिलाएं भी वो सब कार्य कर रही हैं जो पुरुष कर सकते हैं आज महिलाएं घरेलू काम काज तक ही सीमित नहीं है आज वह हर कार्य करने में सक्षम हैं फिर चाहे वो डॉक्टर हो , इंजिनियर , वकील, अध्यापक पायलट आदि में अपना नाम चमका रही हैं।

किन्तु आज भी हमारे समाज में ऐसे क्षेत्र हैं यहां लडकियों के साथ बुरा व्यवहार किया जाता है उन्हें कमज़ोर समझकर उन्हें सिर्फ घरेलू कामों तक ही सीमित रखा जाता है उन्हें पढ़ने का मौका तक नहीं दिया जाता है। चिंता की बात है के ऐसे क्षेत्रों में आज भी सरकार के सख्त कानूनों के बावजूद भी लिंग परीक्षण का धंधा खुलेआम चल रहा है।

आज हमें यह समझने की सख्त जरूरत है के महिलाएं भी पुरुषों से कम नहीं है इसीलिए आज महिलायों को कमज़ोर न मानकर उन्हें किसी भी तरह के अधिकारों से वंचित नहीं रखना चाहिए क्योंकि नारी की प्रगति में ही देश और पूरे समाज की प्रगति है इसीलिए यह कहना गलत नहीं होगा के लड़का लड़की एक समान

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