lekhika Mahadevi Verma Urdu Farsi Kyon Nahin Sikh Paye tatha unke ghar mein Hindi ka prachalan kis Prakar hua
Answers
Answer:
‘मेरे बचपन के दिन’ पाठ में महादेवी वर्मा ने अपने बचपन की यादों को प्रस्तुत किया है। यह पाठ एक संस्मरण के रूप में है। लेखिका अपने परिवार में लगभग 200 वर्ष बाद पैदा होने वाली लड़की थी इसलिए उनके जन्म पर सबको बहुत खुशी हुई। इसमें लेखिका ने अपने बचपन की उन दिनों का वर्णन किया है जब वे विद्यालय में पढ़ रही थी। इस संस्करण में उन्होंने लड़कियों के प्रति सामाजिक रवैया ,विद्यालय की सहपाठिनें , छात्रावास का जीवन और स्वतंत्रता आंदोलन के संघर्ष के घटनाओं का अत्यंत मार्मिक वर्णन किया है।
उत्तर :-
लेखिका के बाबा उर्दू-फा़रसी जानते थे ।वह लेखिका को भी उर्दू -फ़ारसी की विदुषी बनाना चाहते थे ।उन्हें उर्दू फारसी पढ़ाने के लिए एक मौलवी साहब को नियुक्त किया गया ।मौलवी साहब लेखिका को पढ़ाने के लिए आए तो वह चारपाई के नीचे जा छिपी। वह मौलवी साहब से पढ़ने नहीं आई। इस प्रकार लेखिका उर्दू- फ़ारसी नहीं सीख पाई थी।
Kyuki unhe urdu farsi ma ruchi nhi thi