letter to a friend about how I spent my vaccations in hindi
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20994/165, गणेश पूरा
नई दिल्ली- ११००३५
15 सितम्बर, 2017
प्रिय चेतन,
गर्मियों की छुट्टियां परिवार और दोस्तों के साथ आराम तथा घूमने फिरने के लिए सबसे अच्छा समय होता हैं. मैं हर साल गर्मियों की छुट्टियों के लिए का उत्सुकता से इंतजार करता हूँ. हर साल मेरा स्कूल मई के मध्य में बंद होकर जुलाई के पहले सप्ताह से फिर शुरू हो जाता है। यह वह समय होता है जब मैं अपने अध्ययन और परीक्षाओं की चिंताओं के बिना आराम कर सकता हूं।
इस बार परीक्षाओं के लिए कठिन परिश्रम के बाद, मुझे कुछ आराम चाहिए था इसलिए मैंने कुछ हफ्तों के लिए अपनी किताबें अलग रख दी और अपने दोस्तों और परिवार के साथ अपना पूरा समय बिताने का निश्चय किया। मेरी छुट्टियों की पहली सुबह मैं अपने दोस्तों के साथ खेलने के लिए बाहर निकला, लेकिन बहुत गर्मी होने के कारण हमने इनडोर गेम्स खेलने का फैसला किया। शाम को मैंने अपने माता-पिता से कहा कि मुझे किसी हिल स्टेशन पर ले चले । पिताजी ने बताया कि उन्होंने पहले ही मेरे चाचा के परिवार के साथ ऋषिकेश भ्रमण की योजना बना रखी है एवं सभी आवश्यक बुकिंग भी करा ली हैं.
दिल्ली में बहुत गर्मी थी सौभाग्य से मेरे पिताजी मुझे ऋषिकेश ले जा रहे थे। अगली सुबह मैं अपने परिवार के साथ ऋषिकेश के लिए निकला, एक बहुत अच्छी यात्रा के बाद हम रात होते होते तक ऋषिकेश पहुँच गए. हमारा रिसॉर्ट गंगा नदी के किनारे स्थित था तथा चारों तरफ हरियाली से घिरा था। मेरे चाचाजी का परिवार भी हम से मिलकर बहुत उत्साहित हुआ तथा गर्मजोशी के साथ हमारा स्वागत किया. मैं सुबह गंगा नदी के किनारे गया और घाटों पर बने विभिन्न मंदिरों में प्राथना की, यह एक सुखद अनुभव था। फिर हम ऋषिकेश की अन्य खूबसूरत जगहों को देखने गये । हम लक्षमण झूला, त्रिवेणी घाट व अन्य कई सुन्दर स्थानों पर गए. शाम के समय गंगा के तट पर रिसोर्ट दवारा सभी मेहमानों के लिए बॉन फायर व्यवस्थित की गयी थी । हम सभी को बहुत मज़ा आया, हम सब ने स्वादिष्ट खाने का भी आनंद लिया ।
हम वहां चार दिन तक रहे, नदी का राफ्टिंग का आनंद लिया और कई अन्य साहसिक गतिविधियों में भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया. मेरे पिता और चाचा ने तीर्थ यात्रा के दौरे पर जाने की योजना बनाई। हम हरिद्वार, मथुरा और वृंदावन भी गए, इन सभी स्थानों के दृश्य बहुत सुंदर और लुभावने थे। सभी छुट्टियों में यह मेरी सबसे अच्छी गर्मी की छुट्टी थी, क्योंकि मेरे चचेरे भाई भी वहां थे। मैंने अपने माता-पिता से कहा कि आने वाले वर्षों में, हर गर्मी की छुट्टियों के लिए इसी तरह की की योजना बनाये।
छुट्टी खत्म हो गई थी और मुझे वापस स्कूल जाना था लेकिन मेरे दिमाग में अभी भी गर्मी की छुट्टी की यांदे घूम रही थी. मैं अगली गर्मियों की छुट्टियों का इंतजार करूँगा और इस प्रकार की छुट्टी पर बार-बार जाने का मुझे हमेश इंतज़ार रहेगा.
तुम्हारा मित्र
अजय