letter writing formal letter in hindi
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विजय सिंह, (Your name)
B–26 महारानी बाग, (House number and street/ locality name)
नई दिल्ली। (name of the state)
दिनांक : 24.04.2012 (date)
सेवा में, (To)
श्रीयुत आयकर आधिकारी, (Official title to which the letter is addressed)
नई दिल्ली विभाग, (Name of the department or institute)
नई दिल्ली (Name of the state)
विषय (Subject) : आयकर में त्रुटि। (Error in Income Tax)
मान्यवर (Excellency) or
महोदय (Sir) or महोदया (Madam)
मैं आपको सूचित करना चाहता हूँ की मेरे वित्त वर्ष २०१४ के आयकर में त्रुटि है। मेरा आपसे निवेदन है की कृपया मेरे वित्त वर्ष २०१४ के आयकर में यथाशीघ्र त्रुटि का निवारण करने का कष्ट करे।
(I would like to bring to your notice that there is a mistake in my income tax for the financial year of 2014. I would like to request to you to correct the mistake in my income tax for the financial year as soon as possible.)
धन्यवाद, (Thank you)
भवदीय (Yours truly, or yours sincerely)
विजय सिंह (Your name)
B–26 महारानी बाग, (House number and street/ locality name)
नई दिल्ली। (name of the state)
दिनांक : 24.04.2012 (date)
सेवा में, (To)
श्रीयुत आयकर आधिकारी, (Official title to which the letter is addressed)
नई दिल्ली विभाग, (Name of the department or institute)
नई दिल्ली (Name of the state)
विषय (Subject) : आयकर में त्रुटि। (Error in Income Tax)
मान्यवर (Excellency) or
महोदय (Sir) or महोदया (Madam)
मैं आपको सूचित करना चाहता हूँ की मेरे वित्त वर्ष २०१४ के आयकर में त्रुटि है। मेरा आपसे निवेदन है की कृपया मेरे वित्त वर्ष २०१४ के आयकर में यथाशीघ्र त्रुटि का निवारण करने का कष्ट करे।
(I would like to bring to your notice that there is a mistake in my income tax for the financial year of 2014. I would like to request to you to correct the mistake in my income tax for the financial year as soon as possible.)
धन्यवाद, (Thank you)
भवदीय (Yours truly, or yours sincerely)
विजय सिंह (Your name)
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Formal Letter - औपचारिक पत्र
यह पत्र उन्हें लिखा जाता है जिनसे हमारा कोई निजी संबंध ना हो। औपचारिक पत्र लेखन में मुख्य रूप से संदेश, सूचना एवं तथ्यों को ही अधिक महत्व दिया जाता है। व्यवसाय से संबंधी, प्रधानाचार्य को लिखे प्रार्थना पत्र, आवेदन पत्र, सरकारी विभागों को लिखे गए पत्र, संपादक के नाम पत्र आदि औपचारिक-पत्र कहलाते हैं। औपचारिक पत्रों की भाषा सहज और शिष्टापूर्ण होती है। इन पत्रों में केवल काम या अपनी समस्या के बारे में ही बात कही जाती है।
अनौपचारिक पत्रों का प्रारूप –
1. पता- सबसे ऊपर बाईं ओर प्रेषक (पत्र भेजने वाले) का नाम व पता लिखा जाता है।
2. दिनांक- जिस दिन पत्र लिखा जा रहा है, उस दिन की तारीख।
3. विषय- (सिर्फ औपचारिक पत्रों में, अनौपचारिक पत्रों में विषय का प्रयोग नहीं किया जाता है |)
4. संबोधन- प्रापक (जिस व्यक्ति को पत्र लिखा जा रहा है) के साथ संबंध के अनुसार संबोधन का प्रयोग किया जाता है। (जैसे कि बड़ों के लिए पूजनीय, पूज्य, आदरणीय आदि के शब्दों का प्रयोग किया जाता है और छोटों के लिए प्रिय, प्रियवर, स्नेही आदि का प्रयोग किया जाता है।)
5. अभिवादन- जिस को पत्र लिखा जा रहा है उसके साथ संबंध के अनुसार, जैसे कि सादर प्रणाम, चरण स्पर्श, नमस्ते, नमस्कार, मधुर प्यार आदि |
6. मुख्य विषय- मुख्य विषय को मुख्यतः तीन अनुच्छेदों में विभाजित करना चाहिए।
पहले अनुछेद की शुरुआत कुछ इस प्रकार होनी चाहिए- "हम/मैं यहाँ कुशल हूँ, आशा करता हूँ कि आप भी वहाँ कुशल होंगे।"
दूसरे अनुच्छेद में जिस कारण पत्र लिखा गया है उस बात का उल्लेख किया जाता है।
तीसरे अनुछेद में समाप्ति से पहले, कुछ वाक्य अपने परिवार व सबंधियों के कुशलता के लिए लिखने चाहिए। जैसे कि- "मेरी तरफ से बड़ों को प्रणाम, छोटों को आशीर्वाद व प्यार
आदि"।
7. समाप्ति- अंत में प्रेषक का सम्बन्ध जैसे- आपका पुत्र, आपकी पुत्री, आपकी की भतीजी आदि"।
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