लक्ष्मण परशुराम को ही उनका अपना यश बखानने में समर्थ क्यों मानते हैं ?
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उत्तर: परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के लिए कई तर्क दिए। उन्होंने कहा कि वह तो बड़ा ही पुराना धनुष था जो श्रीराम के छूने से ही टूट गया। उन्होंने कहा कि बचपन में खेल खेल में उन्होंने कई धनुष तोड़े थे इसलिए एक टूटे धनुष के लिए इतना क्रोध करना उचित नहीं है।
परशुराम के क्रोध करने पर राम और लक्ष्मण की जो प्रतिक्रियाएँ हुईं उनके आधार पर दोनों के स्वभाव की विशेषताएँ अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: इस प्रसंग में लक्ष्मण ने परशुराम का घोर विरोध किया है लेकिन अधिकतर व्यंग्य के अंदाज में। इससे लगता है कि लक्ष्मण बड़े ही उग्र स्वभाव के व्यक्ति हैं। वहीं दूसरी ओर, राम ने बड़ी शाँत मुद्रा में इस वार्तालाप को होते हुए देखा है। इससे पता चलता है कि राम शाँत स्वभाव के व्यक्ति हैं। जहाँ पर लक्ष्मण क्रोध का जवाब क्रोध से देते हैं, वहीं पर राम क्रोध का जवाब भी मंद मुसकान से देते हैं।
Answer:
Upar likha hua uttar bilkl uchit hai.
Aap shankarhit ho kar yah uttar apni pustika mein chep sakte hai.