लक्ष्मण-परशुराम संवाद का कथासार अपने शब्दों में लिखिए।
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लक्ष्मण परशुराम हा क्या कर रहे हो
कुछ नही इधर में बाजार में आ गया थाऔर तुम मुझे रस्ते मे दिखाई दे इसलिये मे तुम्हारे यहा चला आया
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BTS
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इसमें ब्रज-दुलारे, नटवर-नटेश, कलाप्रेमी कृष्ण की सुंदर रूप-छवि प्रस्तुत की गई है। उनका रूप मनमोहक है। साँवले शरीर पर पीले वस्त्र और गले में बनमाला है। पाँवों में पाजेब और कमर में मुँघरूदार आभूषण हैं। उनकी चाल संगीतमय है।
- अनुप्रास की छटा देखते ही बनती है। शब्द पायल की तरह झनकते प्रतीत होते हैं। यथा
- पाँयनि नूपुर मंजु बजें’ में आनुप्रासिकता है। इसका नाद-सौंदर्य दर्शनीय है।।
- :कटि किंकिनि कै धुनि की’ में ‘क’ ध्वनि और ‘न’ की झनकार मिल गए-से प्रतीत होते हैं।
- ‘पट पीत’ और ‘हिये हुलसै बनमाल’ में भी अनुप्रास है।
- ‘भाषा’ कोमल, मधुर और संगीतमय है। सवैया छंद का माधुर्य मन को प्रभावित करता है।
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