लक्ष्य न ओझल होने पाए छोटा निबंध हिंदी में
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लक्ष्य न ओझल होने पाए, कदम मिलाकर चल ।
मंजिल तेरे पग चूमेगी, आज नहीं तो कल ॥ध्रु॥
सबकी दौलत, सबकी मेहनत, सबकी हिम्मत एक ।
सबकी ताकत, सबकी इज्ज़त, सबकी किस्मत एक ।
शूल बिछे अगणित राहों में, राह बनाता चल ॥१॥
छोड़ दे नैया अरे खेवैया, मझधार तुम्हारा डेरा ।
खून-पसीना बहा के अपना, ला फिर नया सवेरा ।
सीमाओं पर आज मचलता, देशभक्ति का बल ॥२॥
नूतन वेदी बलिदानों की, मांगे आज जवानी ।
देनी ही हम सबको होगी, देश हेतु कुर्बानी ।
बलिदानों का ढेर लगे, इतिहास बनाता चल ॥३॥
लक्ष्य न ओझल होने पाए, कदम मिलाकर चल ।
मंजिल तेरे पग चूमेगी, आज नहीं तो कल ॥
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