लखनवी अंदाज पाठ के आधार पर नवाब साहब के व्यवहार पर अपने विचार प्रकट कीजिए
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स्पष्ट कीजिए। उत्तर: 'लखनवी अंदाज' पाठ में लेखक ने नवाब साहब के माध्यम से नवावी परंपरा की झूठी आन-बान पर व्यंग्य किया है जो वास्तविकता से बेखबर एक बनावटी जीवन शैली के आदी है। ... नवाब साहब का खीरे को मात्र सँघकर पेट भर जाना, उसे बिना खाए खिड़की से फेंक देना- उनकी बनावटी रईसी को दर्शाता है।
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Answer:
लखनवी अंदाज़ पाठ में नवाब साहब के माध्यम से लेखक ने समाज के उस सामती वर्ग पर व्यंग्य किया है जो वास्तविकता से दूर एक बनावटी जीवन शैली का आदी है
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