'लखनवी अंदाज' पाठ के शीर्षक पर विचार करते हुए इसे
कोई अन्य नाम दीजिए।
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Explanation:
लखनवी अंदाज़' शीर्षक के मूल में व्यंग्य निहित है। इस कहानी में वर्णित स्थान लखनऊ के आसपास का प्रतीत होता है। इसके अलावा नवाब साहब की शान, दिखावा, रईसी का प्रदर्शन, नवाबी ठसक, नज़ाकत आदि सभी लखनऊ के उन नवाबों जैसी है, जिनकी नवाबी कब की छिन चुकी है पर उनके कार्य व्यवहार में अब भी इसकी झलक मिलती है।
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- 'लखनऊ अंदाज' शीर्षक की उत्पत्ति असत्य का प्रकाशस्तम्भ है। इस कहानी में वर्णित स्थान लखनऊ के आसपास का प्रतीत होता है। इसमें से टुकड़े-टुकड़े, नवाब साहब की शान, दिखावा, नेक अदाकारी, नवाबी ठसक, नजाकत आदि।
- दोनों लखनऊ के नवाबों की तरह हैं, जिनके नवाबी आपस में गुंथे हुए हैं, लेकिन यह उनके काम के हाव-भाव में आज भी झलकता है।
- . 'लखनऊ अंदाज' नामक पाठ में लेखक जो संदेश देना चाहता है वह यह है कि हमें अपने व्यावहारिक दृष्टिकोण का विस्तार करना चाहिए। आपको दिखावे से दूर रहना चाहिए।
- हमें वर्तमान की कठोर वास्तविकता का सामना करना चाहिए और कल्पना को छोड़कर वास्तविकता को अपनाना चाहिए जो हमारे हाव-भाव में भी परिलक्षित होना चाहिए।
- और आचरण यशपाल 'लखनऊ अंदाज' पाठ के रचयिता हैं।
- लेखक इस पाठ के माध्यम से यह बताना चाहता है कि एक रचना वास्तव में बिना पात्रों, घटनाओं और अध्ययनों के अकेले लिखी जा सकती है।
- इस कृति के माध्यम से लेखक ने दिखावा पसंद करने वाले लोगों के जीवन का वर्णन किया है|
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