India Languages, asked by chawlaashok20, 6 days ago

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लण्डुक्तमान भावालोया करोग कीड़या अमावली​

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Answered by Akashrajpal9
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Explanation:

केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है मधुमक्खी का छत्ता खा लेने वाला एक कैटरपिलर प्लास्टिक भी खा सकता है.

प्लास्टिक खाने वाला ये कीड़ा प्रदूषण का कारगर इलाज हो सकता है.

प्रयोग में ये पता चला कि ये कीड़ा प्लास्टिक की केमिकल संरचना को उसी तरह से तोड़ देता है जैसे मधुमक्खी के छत्ते को वह पचा लेता है.

हर साल दुनिया भर में आठ करोड़ टन प्लास्टिक पॉलीथिन का उत्पादन किया जाता है.

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