मोबाईल फ़ोन से पड़ने वाले प्रभाव के बारे में दो मित्रों के बीच होने वाले संवाद का लेखन करें I
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मोबाईल फ़ोन से पड़ने वाले प्रभाव के बारे में दो मित्रों के बीच संवाद
(मोबाइल फोन के प्रभावों के बारे में दो दोस्त साहिल और जतिन आपस में बात कर रहे हैं।)
साहिल — हैलो दोस्त, कैसे हो.?
जतिन — मैं ठीक हूँ, तुम अपना हाल सुनाओ।
साहिल — मैं भी ठीक हूँ, तुम यह ये मोबाइल पर क्या देख रहे हो?
जतिन — मै यू-ट्यूब पर एक वीडियो देख रहा हूँ।
साहिल — आजकल जिसे देखो, सब अपने मोबाइल में ही व्यस्त रहते हैं।
जतिन — क्या करें दोस्त आजकल जमाना ही संचार क्रांति और तकनीक का है।
साहिल — हाँ, बिल्कुल भले ही आज संचार क्रांति का जमाना हो, लेकिन मुझे हर समय मोबाइल पर लगे रहना पसंद नही।
जतिन — तुम्हारी पसंद अलग हो सकती है पर मुझे तो मोबाइल ज्यादा उपयोगी लगता है।
साहिल — कैसे? जरा उसके फायदे बताओ।
जतिन — मोबाइल एक ऐसा यंत्र है, जिसकी सहायता से हम कितने सारे काम कर सकते हैं। फोटो निकाल सकते हैं। अपने प्रियजन से बात कर सकते हैं। इंटरनेट के माध्यम से पल भर में कोई भी सूचना प्राप्त कर सकते हैं। सोशल मीडिया की सहायता से पूरी दुनिया में किसी को भी अपना दोस्त बना सकते हैं। और मोबाइल पर किताबें भी पढ़ सकते हैं।
साहिल — हाँ मैं तुम्हारी बात मानता हूँ कि मोबाइल ने आजकल के जीवन को बहुत आसान बना दिया है लेकिन मोबाइल के कई फायदे है तो उसके नुकसान भी हैं।
जतिन — वो कैसे?
साहिल — लगातार मोबाइल पर व्यस्त रहने के कारण उसकी चमकदार स्क्रीन से आँखों पर बुरा असर पड़ता है और तुम जिस सोशल मीडिया की बात कर रहे हो उस सोशल मीडिया पर अगर सकारात्मक बातें हैं तो बहुत उससे ज्यादा नकारात्मक बातें भी होने लगी हैं। जिसके कारण लोगों के मन मस्तिष्क पर बहुत दुष्प्रभाव पड़ने लगा है। इसके साथ ही मोबाइल में हमारे निजी जीवन में बहुत ज्यादा दखल दे दिया है जिसके कारण जीवन की शांति भी भंग होने लगी है।
जति्न — बात तो तुम कुछ-कुछ ठीक कह रहे हो। पर क्या करें समय के साथ चलना हमारी मजबूरी भी है और जरूरत भी।
साहिल — हाँ ये बात तुम्हारी सही है। मैं मोबाइल को एकदम खराब नही बोलता। ये हमारे ऊपर पर निर्भर है कि हम मोबाइल का सकारात्मक और सीमित उपयोग करें। जरूरत से ज्यादा मोबाइल पर निर्भर नही हों। मोबाइल के दुष्प्रभावों से खुद को सावधान रखें।
जतिन — हाँ, दोस्त मैं तुम्हारी बात से पूरी तरह सहमत हूँ। हमें आधुनिक तकनीक और अपनी पुरानी जीवन-शैली में एक उचित सामंजस्य बना कर रखना चाहिये।
साहिल — मुझे बड़ी खुशी हुई कि तुम मेरी बात का सही मतलब समझ गये। आज के समय मोबाइल का महत्व है और अब उसके महत्व को नकार नही सकते। लेकिन हमें मोबाइल के दुष्प्रभावों से भी सावधान रहना होगा और मोबाइल पर अत्याधिक निर्भरता खत्म करनी होगी।
जतिन — ठीक है, मैं आज से तुम्हारी बात को मानते हुये मोबाइल का जरूरी और सीमित उपयोग किया करूंगा।
साहिल — मुझे बड़ी खुशी हुई कि तुमने मेरे सुझाव को सम्मान दिया।