माचिस कै सा नगर है ?
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आमतौर पर माचिस की तिली आसानी से आग पकड़ने वाली लकड़ी की बनी होती है। इसके एक सिरे पर किसी फास्फोरस-युक्त पदार्थ का लेप किया गया होता है। इस सिरे को किसी घर्षणयुक्त तल पर रगड़ने से आग उत्पन्न हो जाती है। माचिस की तीलियों के सिरे पर फास्फोरसयुक्त पदार्थ का लेप करने के लिये जिलेटिन (Gelatin) का उपयोग किया जाता है। ये तीलियाँ किसी लकड़ी के छोटे से बक्से या कागज में रखकर उपयोग में आती हैं। लकड़ी के बक्से के उपर ही एक तल पर घर्षणयुक्त तल बनाया गया होता है।
आमतौर पर माचिस की तिली आसानी से आग पकड़ने वाली लकड़ी की बनी होती है। इसके एक सिरे पर किसी फास्फोरस-युक्त पदार्थ का लेप किया गया होता है। इस सिरे को किसी घर्षणयुक्त तल परगढ़ने से आग उत्पन्न हो जाती है। माचिस की तीलियों के सिरे पर फास्फोरसयुक्त पदार्थ का लेप करने के लिये जिलेटिन (Gelatin) का उपयोग किया जाता है। ये तीलियाँ किसी लकड़ी के छोटे से बक्से या कागज में रखकर उपयोग में आती हैं। लकड़ी के बक्से के उपर ही एक तल पर घर्षणयुक्त तल बनाया गया होता है।आज इलेक्ट्रिक लाइटर्स के दौर में भी परम्परागत माचिस अपनी जगह बनाए हुए है।
Answer:
मचिस और उस्की तिली मिलकर अवशक नुसार नियंत्रीत ढंग से आग पैदा करने के काम आते है आजकल यह एक ही बहुत ही सस्ती और एव सुलब चिज हे ..