मीडिया और उसका प्रभाव
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कुछ दिन पूर्व संयुक्त राज्य अमेरिका में एक अफ्रीकी-अमेरिकी युवक की मृत्यु के बाद बड़े पैमाने पर हिंसक विरोध प्रदर्शन को दौर प्रारंभ हो गया। यह हिंसक विरोध प्रदर्शन स्वतः परंतु सोशल मीडिया द्वारा विनियोजित था। हमने पूर्व में अरब की सड़कों पर शुरू हुए प्रदर्शनों (जिसने कई तानाशाहों की सत्ता को चुनौती दी) में भी सोशल मीडिया के व्यापक प्रभाव का अनुभव किया है। सोशल मीडिया के माध्यम से लोग अपने विचारों को एक-दूसरे के साथ साझा कर एक नई बौद्धिक दुनिया का निर्माण कर रहे हैं।
वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र का एक अहम पहलू है। इस अधिकार के उपयोग के लिये सोशल मीडिया ने जो अवसर नागरिकों को दिये हैं, एक दशक पूर्व उनकी कल्पना भी किसी ने नहीं की होगी। दरअसल, इस मंच के ज़रिये समाज में बदलाव की बयार लाई जा सकती है। लेकिन, चिंता का विषय है कि मौजूदा वक्त में सोशल मीडिया अपनी आलोचनाओं के लिये चर्चा में रहता है। दरअसल, सोशल मीडिया की भूमिका सामाजिक समरसता को बिगाड़ने और सकारात्मक सोच की जगह समाज को बाँटने वाली सोच को बढ़ावा देने वाली हो गई है।
इस आलेख में सोशल मीडिया, उसके सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव, भारत में स्थिति, सोशल मीडिया व निजता के अधिकार में संतुलन और सोशल मीडिया के विनियमन पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।
सोशल मीडिया के सकारात्मक प्रभाव
सोशल मीडिया दुनिया भर के लोगों से जुड़ने का एक महत्त्वपूर्ण साधन है और इसने विश्व में संचार को नया आयाम दिया है।
सोशल मीडिया उन लोगों की आवाज़ बन सकता है जो समाज की मुख्य धारा से अलग हैं और जिनकी आवाज़ को दबाया जाता रहा है।
वर्तमान में सोशल मीडिया कई व्यवसायियों के लिये व्यवसाय के एक अच्छे साधन के रूप में कार्य कर रहा है।
सोशल मीडिया के साथ ही कई प्रकार के रोज़गार भी पैदा हुए हैं।
वर्तमान में आम नागरिकों के बीच जागरूकता फैलाने के लिये सोशल मीडिया का प्रयोग काफी व्यापक स्तर पर किया जा रहा है।
कई शोधों में सामने आया है कि दुनिया भर में अधिकांश लोग रोज़मर्रा की सूचनाएँ सोशल मीडिया के माध्यम से ही प्राप्त करते हैं।
सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभाव
कई शोध बताते हैं कि यदि कोई सोशल मीडिया का आवश्यकता से अधिक प्रयोग किया जाए तो वह हमारे मस्तिष्क को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है और हमे डिप्रेशन की ओर ले जा सकता है।
सोशल मीडिया साइबर-बुलिंग को बढ़ावा देता है।
यह फेक न्यूज़ और हेट स्पीच फैलाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सोशल मीडिया पर गोपनीयता की कमी होती है और कई बार आपका निजी डेटा चोरी होने का खतरा रहता है।
साइबर अपराधों जैसे- हैकिंग और फिशिंग आदि का खतरा भी बढ़ जाता है।
आजकल सोशल मीडिया के माध्यम से धोखाधड़ी का चलन भी काफी बढ़ गया है, ये लोग ऐसे सोशल मीडिया उपयोगकर्त्ता की तलाश करते हैं जिन्हें आसानी से फँसाया जा सकता है।
सोशल मीडिया का अत्यधिक प्रयोग हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बड़े पैमाने पर प्रभावित कर सकता है।
HOPE IT HELPS YOU...PLS PLS MARK IT AS BRAINLEIST....PLS..PLS...FOLLOW ME...
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