History, asked by sanj2893, 9 months ago

मॉडल एक्टिविटी टास्क
पर्यावरण व इतिहास
सप्तम श्रेणी
अध्याय:
1. भारत के राजनीतिक इतिहास की कुछ धाराएं
2. भारतीय समाज, अर्थनीति और संस्कृति की कुछ धाराएं
नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दें:
1. सेनयुग में बौद्धधर्म का प्रचार व प्रसार कम हो गया था - इस विषय पर दो या तीन लाइन ।
2. प्राचीन बंगाल के जिस अंचल और नदी का नाम द्वितीय अध्याय में पढ़ाया गया था उसकी
तैयार कीजिए।
3. भारत के सामंतीय व्यवस्था का चित्र बनाकर वर्णन कीजिए। चित्र में सामंतीय व्यवस्था का
पिरामीड आकार क्यों आवश्यक है, इसकी दो या तीन लाइनों में व्याख्या कीजिए।
4. पाल और सेन युग में किस फसल की खेती होती थी उसकी तालिका तैयार कीजिए। उनमें
फसलों की खेती अभी भी की जाती है, इसकी व्याख्या कीजिए।​

Answers

Answered by Anonymous
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Answer:

ऐतिहासिक भौतिकवाद (Historical materialism) समाज और उसके इतिहास के अध्ययन में द्वंद्वात्मक भौतिकवाद (Dialectical materialism) के सिद्धांतों का प्रसारण है। आधुनिक काल में चूँकि इतिहास को मात्र विवरणात्मक न मानकर व्याख्यात्मक अधिक माना जाता है और वह अब केवल आकस्मिक घटनाओं का पुंज मात्र नहीं रह गया है, ऐतिहासिक भौतिकवाद ने ऐतिहासिक विचारधारा को अत्यधिक प्रभावित किया है।

17 मार्च 1883 को कार्ल मार्क्स की समाधि के पास उनके मित्र और सहयोगी एंजिल ने कहा था, ""ठीक जिस तरह जीव जगत् में डार्विन ने विकास के नियम का अनुसंधान किया, उसी तरह मानव इतिहास में मार्क्स ने विकास के नियम का अनुसंधान किया। उन्होंने इस सामान्य तथ्य को खोज निकाला (जो अभी तक आदर्शवादिता के मलबे के नीचे दबा था) कि इसके पहले कि वह राजनीति, विज्ञान, कला, धर्म और इस प्रकार की बातों में रुचि ले सके, मानव को सबसे पहले खाना पीना, वस्त्र और आवास मिलना चाहिए। इसका अभिप्राय यह है कि जीवन धारण के लिए आसन्न आवश्यक भौतिक साधनों के साथ-साथ राष्ट्र अथवा युगविशेष के तत्कालीन आर्थिक विकास की प्रावस्था उस आधार का निर्माण करती है जिसपर राज्य संस्थाएँ, विधिमूलक दृष्टिकोण और संबंधित व्यक्तियों के कलात्मक और धार्मिक विचार तक निर्मित हुए हैं। तात्पर्य यह है कि इन उत्तरवर्ती परिस्थितियों को जिन्हें पूर्वगामी परिस्थितियों की जननी समझा जाता है, वस्तुत: स्वयं उनसे प्रसूत समझा जाना चाहिए।

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