मेंढक में रुधिर परिसंचरण तन्त्र की क्रियाविधि लिखिए।
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hii
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Explanation:
मेंढक में रुधिर परिसंचरण तन्त्र (circulatory system) बंद प्रकार का होता है।
मेंढक में अशुद्ध रुधिर तीन महाशिराओं द्वारा शिराकोटर में आता है। शिराकोटर से शिराआलिन्द छिद्र द्वारा दाहिने आलिंद में आता है। बायें आलिन्द से फुफ्फुस से शुद्ध रुधिर फुफ्फुस शिरा द्वारा आता है। दोनों आलिन्दों के संकुचित होने के कारण सामान्य आलिन्द निलय छिद्र द्वारा रुधिर निलय में आता है। यहाँ रुधिर दाहिनी ओर अशुद्ध होता है, मध्य में मिला हुआ तथा बायीं ओर शुद्ध होता है। निलय के संकुचन से रुधिर शंकु में जाता है तथा उसके बाद आर्टीरिओसस में आता है तथा यहाँ से धमनी चापों में प्रवेश करता है। शुद्ध रुधिर (ऑक्सीजनित) ग्रीवा चापों द्वारा शरीर के विभिन्न अंगों में भेज दिया जाता है एवं मिश्रित रुधिर दैहिक चापों के द्वारा शुद्ध होने हेतु फुफ्फुस में भेज दिया जाता है। इस प्रकार हृदय में दो बार रुधिर प्रवेश करता है। इसे दोहरा परिसंचरण तंत्र कहते हैं।
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