मांग एवं पूर्ति द्वारा बाजार संतुलन निर्धारण को रेखाचित्र की सहायता से समझाइए। अथवा
मांग एवं पूर्ति दोनों में एक साथ वृद्धि होने पर साम्य कीमत पर क्या प्रभाव पड़ता है? रेखाचित्र की सहायता से समझाइए।
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Explanation:
अर्थशास्त्र में माँग और आपूर्ति की सहायता से पूर्णतः प्रतिस्पर्धी बाजार में बेचे गये वस्तुओं कीमत और मात्रा की विवेचना, व्याख्या और पुर्वानुमान लगाया जाता है। यह अर्थशास्त्र के सबसे मुलभूत प्रारुपों में से एक है। क्रमश: बड़े सिद्धान्तों और प्रारूपों के विकास के लिए इसका विशद रूप से प्रयोग होता है।
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मांग एवं पूर्ति दोनों में एक साथ वृद्धि होने पर साम्य कीमत पर पड़ने वाला प्रभाव
Explanation:
जब किसी कीमत पर किसी वस्तु की मांग एवं पूर्ति समान हो जाती है तो हम उसे बाजार संतुलन मात्रा या संतुलन कीमत कहते हैं।
और जब मांग एवं पूर्ति में एक साथ वृद्धि होती है तो इसे इस मानचित्र की सहायता से समझा जा सकता है:
जब मांग एवं पूर्ति में एक साथ वृद्धि होती है, तो जैसे दर्शाया गया है कि वस्तु का मांग वक्र कथा पूर्ति वक्र दाएं और खिसक जाते हैं, परंतु कीमत समान रहती है जिस कारण वस्तु की संतुलन मात्रा OQ से बढ़कर OQ¹ हो जाती है।
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