मृग के समान आँखे है जिसकी
Samas vigrah
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mrignayani....
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मृग के समान आँखे है जिसकी – यह समास-विग्रह है |
मृगनयनी - समस्त पद है |
समास विग्रह
सामासिक शब्दों के बीच के संबंध को सपष्ट करने को समास विग्रह कहते हैं | जैसे – देशवासी – देश के वासी,तीर्थराज – तीर्थों का रजा, घुडदौड – घोड़ों की दौड़ आदि |
समास के भेद
1 अव्ययीभाव समास ( अव्ययीभाव समास में उपसर्ग होता है )
2 तत्तपुरूष समास ( तत्तपुरूष समास में कारक चिन्हों का प्रयोग होता है )
3 द्विगु समास ( संख्या का बोध होता है )
4 द्वंद्व समास ( द्वंद्व समास में योजक चिन्हों का प्रयोग होता है )
5 कर्म धार्य समास (कर्म धार्य समास में व्यक्ति, वस्तु आदि की विशेषता का बोध होता है)
6 बहुव्रीहि समास ( बहुव्रीहि समास में शब्दों का विग्रह करने पर नया शब्द बनता है )
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