Hindi, asked by sgladstorm4398, 1 year ago

मुगल चित्र शैली की दो विशेषताएं लिखिए

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Answered by mayu1186
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भूमिका ~~ 15वीं शताब्दी के उत्तरार्ध तक आते-आते भारतीय चित्रकला में महत्वपूर्ण परिवर्तन दिखाई देते लगते हैं जैन अपभ्रंश शैली में व्यापक परिवर्तन आ गया था वृहद मालवा में चित्रों के नवीन स्वरुप प्रचलन में आ गए थे जिनमें प्रयुक्त आकार विषय व कलागत विशेषताएं नवीन परिवर्तन ने नष्ट संकेत दे रहे थे इस समय मैं चित्रित नियम त नाम आरण्यकपर्व ( आगरा ), लोरचंद्रा महापुराण चौरपंचासिका ( पालम ), इस परिवर्तन प्रत्यक्ष उदाहरण है 16 वी शताब्दी के प्रारंभ की कला में यहां नवचेतना की पदचाप अनुभव की जा रही है वहीं रियासतों के आपसी टकराव ने विदेशी आंख बंद करता हूं यहां अपने पैर पसारने के लिए अनुकूल परिस्थितियां उपलब्ध है भारत में मुगलों का प्रवेश 1526 इसी में हुआ था जब बाबर पानीपत युद्ध में विजय प्राप्त कर दिल्ली का शासन बना बाबर तैमूर ( पितृपक्ष ) की पांचवी पीढ़ी में तथा मंगोल योद्धा चंगेज खां मृत पक्ष की चौधरी वीडि में जन्मा इसलिए इन्हें मुगल कहा जाग गया मुगल शहंशाह प्रारंभ से ही कला प्रेमी रहे हैं बाबर हुमायूं अकबर जहांगीर और शाहजहां तक हिस्से ली मैं निरंतर एवं क्रमिक विकास दिखाई देता है मुगल शैली प्रारंभ में पूर्वत ईरानी कला थी जिसे भारतीय संदर्भ में प्रस्तुत किया जा राय अकबर के समय यह शैली राजस्थानी अपभ्रंश व दक्षिणी शैलियों के सम ञ से नवीनता प्राप्त कर मौलिकता प्राप्त करने लगी कहा जा सकता है कि ईरानी व राजस्थानी शैली मुगल शैली के जन्मदाता है जहांगीर के समय यह पूर्णतया भारतीय हो गई परंतु शाहजहां के समय इस पर यूरोपियन प्रभाव दिखाई देता है राय कृष्णदास के मतानुसार भारत में मुगल शैली का जन्म बाबर के आगमन से हुआ है और बाद में शाहजहां तक के मुगल शासकों के काल में उसका निरंतर विकास होता रहा जिसका जन्मोत्सव जहांगीर का शासन काल था जहांगीर के पश्चात औरंगजेब सत्तारूढ़ हुआ वह कट्टर शासक था उसने कलाकारों को चित्रांकन छोड़ने पर बाध्य कर दिया जान बचाने कलाकार दूसरी रियासतों में शरण लेने लगे या अन्य कार्य करने लगे जीविकोपार्जन करने लगे यहीं से मुगल काल का पतन प्रारंभ हुआ 1. बाबर ~~ बाबर को भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना 1526 ईस्वी में श्रेय है लेकिन वह बहुत कम समय के लिए ही शासन कर सका 1530 ईस्वी में उसकी मृत्यु हो गई इस काल के चित्र उपलब्ध नहीं है लेकिन बाबर की चित्रकला में बड़ी रुचि थी क्योंकि उसने पूर्व का राफेल कहलाने वाले प्रसिद्ध ईरानी चित्रकार बाज क्योंकि उसने पूर्व का राफेल कहलाने वाले प्रसिद्ध ईरानी चित्रकार बिहजाद तथा मुजफ्फर की चित्र कुर्तियां देखी वह उसकी समीक्षा भी की थी बाबर ने अपनी आत्मकथा तुजुक ए बाबरी बाबरनामा मैं कलाकारों का उल्लेख प्रशंसा के साथ किया 2. हुमायूं~~ बाबर के पश्चात उसके जस्ट पुत्र हुमायूं 1530 से 1556 ईसवी ने राज्य संभाला हुमायूं का पूरा जीवन संघर्षों में भी था लेकिन वह कलाप्रेमी था अपने लक्ष्य कर में वह चित्रकार भी रखता था जब वह ईरान के शाह की मदद लेकर पुणे भारत आया तो अपने कला प्रेम के कारण ईरानी चित्रकार मीर सेय्यद अली जुदाई और ख्वाजा अब्दु समझ सिराजी को भी भारत लेकर आए यह दोनों ईरानी शैली के सिद्धार्थ कलाकार थे बालक अकबर ने उनसे चित्रकला सिटी इस समय जो चित्र तैयार किए गए थे वह पूर्णतया पारसी या ईरानी शैली में तैयार किएगए थे

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mayu1186: i kept
mayu1186: so much information
Answered by dackpower
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मुगल चित्र शैली की विशेषताएं

Explanation:

मुगल स्कूल ऑफ पेंटिंग चित्रों के प्राचीन अभिलेखों में एक ऐतिहासिक स्थल है। मुगल स्कूल की शुरुआत अकबर ने की थी। मुगल शैली की उत्पत्ति चित्रकला की स्वदेशी भारतीय शैली और फ़ारसी चित्रकला के साफविद स्कूल के संश्लेषण का परिणाम है। मुगल काल की पेंटिंग भारतीय, फारसी और इस्लामी शैलियों का मिश्रण थी। मुगल स्कूलों की प्रमुख विशेषताएं हैं:

प्रकृति के करीब अवलोकन पर आधारित पेंटिंग

आमतौर पर सीमा पर सुलेखित पाठ विवरणों के साथ ललित और नाजुक ड्राइंग।

उच्च सौंदर्य योग्यता

मुख्य रूप से अभिजात वर्ग

ज्यादातर सेकुलर

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मुगल चित्रकला पर एक लेख

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