Hindi, asked by rajwadevino34, 6 months ago

मुगलकालीन कृषि इतिहास लिखने में ”आइन-ए-अकबरी” को स्रोत के रुप में इस्तेमाल करने में कौन कौन सी समस्याएं है

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Answered by shishir303
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O मुगलकालीन कृषि इतिहास लिखने में आईने अकबरी को स्रोत के रूप में इस्तेमाल करने में कौन-कौन सी समस्या है?

► मुगलकालीन का कृषि इतिहास लिखने के लिए आईने-अकबरी को स्रोत के रूप में इस्तेमाल करने में अनेक समस्याएं प्रकट होती हैं। जैसे...

  • आईने-अकबरी में कृषि इतिहास के संबंध में जो भी संख्यात्मक आंकड़े दिए गए हैं, उनमें विषमतायें पाई जाती हैं। आईने-अकबरी में जिन आंकड़ों का वर्णन किया गया है, वह मुगलकाल के हर प्रांत यानि सूबे से एक ही रूप में नहीं एकत्रित किए गए। जैसे कि कई सूबों से जमींदार जाति के मुताबिक सूचनाएं एकत्रित की गई तो सूबों जैसे बंगाल और उड़ीसा के लिए इस तरह की सूचनाएं नहीं हैं।  
  • सूबो के राजकोष से संबंधित आंकड़े तो विस्तार से दिए गए हैं, लेकिन उन्हीं सूबों के कीमतों और मजदूरी दरों जैसे महत्वपूर्ण आंकड़ें विस्तृत ढंग से नहीं बताए गए हैं। कीमतों और मजदूरों की दरों से संबंधित जो भी सूचनाएं आईने अकबरी में दी गई हैं, वह मुगलकालीन राजधानी आगरा और उसके आसपास के इलाकों के आधार पर दी गई है। इससे स्पष्ट होता है कि पूरे देश के संदर्भ में इन आंकड़ों की प्रासंगिकता सही नहीं बैठती।

अतः आईने-अकबरी में आंकड़ों से संबंधित इस प्रकार की विषमताओं से मुगलकालीन इतिहास लिखने में आईने अकबरी को स्रोत के रूप में इस्तेमाल करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

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