मेघों के लिए 'बन-ठन के', 'सँवर के' शब्दों का प्रयोग क्यों किया गया है ?
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तेज हवा चलने लगती है जिससे पेड़ पौधे झूमने लगते हैं। इस नाटकीयता के कारण ही मेघ के लिए 'बन-ठन के, संवर के' आने की बात कही गई है। ... मेघ को दामाद के रूप में, हवा, धूल और नदी को युवती के रुप में तथा तालाब को स्वागत में खड़े व्यक्ति के रूप में चित्रित किया गया है। इस कविता में रूपक अलंकार का प्रयोग भी हुआ हे
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