मोहन तथा पुलकदास नामक दो यात्री बस से उतारते समय आपस में उलझ जाते हैं I इसका कारन है, मोहन के धक्के से पुलकदास का सामान नीचे गिरना, दोनों के बीच हुए संवाद का उल्लेख करेंI
Answers
मोहन और पुलकदास के दो यात्रियों बीच झगड़ायुक्त संवाद
पुलकदास : अरे भाई, देखकर चलो, आँखें नही है, क्या?
मोहन : मुझे तो बिल्कुल ठीक दिखाई देता है, तुम्हे नही दिखता होगा।
पुलकदास : जब सब दिख रहा है, तो धक्का क्यों मारा?
मोहन : मैने जानबूझ कर नही मारा, गलती से लग गया।
पुलकदास : तुम्हारी जरा सी गलती से जानते मेरा कितना नुकसान हो गया। मेरा सारा सामान टूट गया।
मोहन : कहा ना मैने कि जानबूझकर धक्का थोड़ी मारा।
पुलकदास : एक तो धक्का मार का मेरा सामान गिराकर मेरा नुकसान कर दिया, दूसरे गलती पर अफसोस करने की जगह अकड़ दिखा रहे हो।
मोहन : मैं अकड़ नहीं दिखा रहा, अपनी सफाई दे रहा हूँ।
पुलकदास : अब सफाई देने से क्या होगा, मेरा जो नुकसान होना था, वो हो गया। इसकी भरपाई कौन करेगा।
मोहन : मैं क्यों करूं, मैने जानबूझ कर थोड़ी किया है।
पुलकदास : मै कुछ नही सुनना चाहता, चलो पुलिस स्टेशन, वहीं फैसला होगा।
मोहन : मैं नही चलता।
(ये कह मोहन वहाँ से चला जाता है, और पुलकदास उसे पुकारता रह जाता है।)