मेहनत व परीक्षम के संदृभ में ऐक कविता
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परिश्रम के संदृभ में एक कविता :-
सफलता की एकमात्र कुंजी परिश्रम है
परिश्रमी हीं समृद्ध और सम्पन्न है
करें परिश्रम, जब तक यह जीवन है
अभी का काम अभी करें
यही सफलता का लक्षण है.
मत भूलें कि महत्वपूर्ण प्रत्येक क्षण है
बड़े भाग्य से मिला यह मानव तन है
कुछ कर दिखाने के लिए हुआ यह जन्म है
मंजिल का रास्ता नसीब नहीं, परिश्रम है
मनुष्य अपना भाग्य-निर्माता स्वयं है.
सपना पूरा करने हेतु जरूरी संकल्प है
कड़ा परिश्रम ही एक मात्र विकल्प है
अगर कठोर परिश्रम का किया सृजन है
आप में अपने लक्ष्य प्राप्ति की लगन है
तब देखें आप पर ईश्वर भी प्रसन्न हैं
इतना जानें, सब कुछ का जड़ यह मन है
कोई कार्य है असम्भव, यह एक भ्रम है
अपनी ताकत को पहचानें, आप पूरी तरह सक्षम हैं
लड़ें जीवन में, जितना आप में दम है
क्योंकि संघर्ष ही जीवन है.
HOPE_IT_HELPS_✌✌✌
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