Biology, asked by rumaanahashmi2421, 10 months ago

माइटोकॉन्ड्रिया के कार्य बताइये।

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Answered by Anonymous
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hii

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Explanation:

1. माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का शक्तिगृह (Power House) कहते हैं, क्योंकि इसके द्वारा ATP का संश्लेषण होता है। ATP के निर्माण को ऑक्सीडेटिव फास्फोराइलेशन कहते हैं।

2. माइटोकॉन्ड्रिया वसा उपापचय से भी सम्बन्धित है। ऑक्सीकरण की क्रिया भी माइटोकॉन्ड्रिया मैट्रिक्स में ही होती है।

3. स्पर्मेटिड के शुक्राणु (Sperm) के रूपान्तरण के समय ‘माइटोकॉन्ड्रिया शुक्राणु के मध्य भाग में अक्षीय तन्तु (Axial filament) के चारों ओर एक सर्पिल आवरण बनाते हैं। यह शुक्राणु में गति करते समय ऊर्जा प्रदान करते हैं।

4. अण्डजनन क्रिया में पीतक निर्माण में सहायक होता है।

5. माइटोकॉन्ड्रिया की बाहरी झिल्ली विभिन्न पदार्थों के लिए पारगम्य होती है।

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Answered by juniorgyanpankaj
1

Explanation:

यूकैरियोटिक कोशिका के कोशिका द्रव्य में अनेक छोटे , गोलाकार , मुग्दाकार ( Club shaped ) , तंतुमय ( Filamentous ) , कणिकामय एवं छड़ के आकार की रचनाएं पाई जाती हैं , जिन्हें माइटोकोंड्रिया कहते हैं |

माइटोकोंड्रिया की खोज कोलिकर ने की तथा माइटोकोंड्रिया नाम बेन्डा ( 1897 ) ने दिया |

माइटोकोंड्रिया की लम्बाई 1.5μ – 4μ तक तथा व्यास 0.5 से 1.0μ तक होता हैं |

माइटोकोंड्रिया दोहरी झिल्ली से घिरी जीवित रचना होती हैं , माइटोकोंड्रिया में ऑक्सीश्वशन की क्रिया सम्पन्न होती हैं | माइटोकोंड्रिया जन्तुओ तथा पौधों की सभी जीवित कोशिकाओं में पायी जाने वाली रचनाएँ हैं , जो नीली – हरी शैवालों तथा बैक्टीरिया की कोशिकाओं में नहीं पायी जाती हैं | माइटोकोंड्रिया की क्रिस्टी की सतह व आंतरिक झिल्ली पर बहुत से छोटे ( सूक्ष्म ) कण पाए जाते हैं , जिन्हें F_{1} कण या ऑक्सीसोम्स कहते हैं | F_{1} कण को इलेक्ट्रोन अभिगमन कण भी कहते हैं |

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