History, asked by Yuvian1947, 1 year ago

मेजी पुनस्र्थापना से पहले की वे अहम घटनाएँ क्या थीं, जिन्होंने जापान के तीव्र आधुनिकीकरण को संभव किया?

Answers

Answered by nikitasingh79
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उत्तर :  

मेजी पुनस्र्थापना से पहले की निम्नलिखित मुख्य घटनाएँ , जिन्होंने जापान के तीव्र आधुनिकीकरण को संभव किया :

(1) किसानों से शस्त्र वापस ले लिए गए। अब केवल योद्धा वर्ग ही तलवार रख सकते थे। इससे राज्य में शांति और व्यवस्था बनी रही। शांति एवं व्यवस्था को आधुनिकरण का मूल आधार माना जाता है।  

(2) दैम्यो को अपने राज्यों की राजधानी में जाने के आदेश दिए गए ‌ और उन्हें बहुत ज्यादा स्वायत्तता भी दी गई।

(3) भूमि का निरीक्षण मालिकों और करदाताओं की पहचान करने के लिए किया गया और भूमि का वर्गीकरण उत्पादकता के आधार पर किया गया ‌। इसका उद्देश्य राजस्व के लिए स्थाई आधार बनाना था।  

(4) दैम्यो की राजधानियों का आकार लगातार बढ़ने लगा था। अतः 17 वीं शताब्दी के मध्य तक जापान में एदो (आधुनिक टोक्यो) संसार का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला नगर बन गया।  इसके अतिरिक्त दो और शहर ओसाका और क्योतो बड़े शहरों के रूप में उभरे।  दुर्गों वाले कम से कम 6 शहर ऐसे थे जहां की जनसंख्या 50,000 से ज्यादा थी । बड़े शहरों के परिणाम स्वरूप जापान की वाणिज्यिक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला।  

(5) लोगों के गुण उसके ओहदे से अधिक बहुमूल्य समझे जाने लगे।

(6) शहरों के जीवंत संस्कृति का प्रसार होने लगा । बढ़ते हुए व्यापारी वर्ग ने नाटकों को संरक्षण प्रदान किया।

(7) लोगों की पढ़ने में रुचि के कारण होनहार लेखकों को अपने लेखन द्वारा अपनी जीविका चलाने में सहायता पहुंचाई।  

(8) मूल्यवान धातुओं के निर्यात पर रोक लगा दी गई।

(9) रेशम के आयात पर रोक लगाने के लिए की क्योतो में निशिजिन में रेशम उद्योग के विकास के लिए उठाए गए । कुछ ही वर्षों में निशिजिन का रेशम विश्व भर में सबसे अच्छा रेशम माना जाने लगा।

(10) मुद्रा के बढ़ते हुए के प्रयोग और चावल के शेयर बाज़ार के निर्माण से भी जापानी अर्थ तंत्र का विकास नई दिशाओं में हुआ।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।

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Answered by Anonymous
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Explanation:

इतिहास( History) का प्रयोग विशेषत: दो अर्थों में किया जाता है। एक है प्राचीन अथवा विगत काल की घटनाएँ और दूसरा उन घटनाओं के विषय में धारणा। इतिहास शब्द (इति + ह + आस ; अस् धातु, लिट् लकार अन्य पुरुष तथा एक वचन) का तात्पर्य है "यह निश्चय था"। ग्रीस के लोग इतिहास के लिए "हिस्तरी" (history) शब्द का प्रयोग करते थे। "हिस्तरी" का शाब्दिक अर्थ "बुनना" था। अनुमान होता है कि ज्ञात घटनाओं को व्यवस्थित ढंग से बुनकर ऐसा चित्र उपस्थित करने की कोशिश की जाती थी जो सार्थक और सुसंबद्ध हो।

इस प्रकार इतिहास शब्द का अर्थ है - परंपरा से प्राप्त उपाख्यान समूह (जैसे कि लोक कथाएँ), वीरगाथा (जैसे कि महाभारत) या ऐतिहासिक साक्ष्य।[1] इतिहास के अंतर्गत हम जिस विषय का अध्ययन करते हैं उसमें अब तक घटित घटनाओं या उससे संबंध रखनेवाली घटनाओं का कालक्रमानुसार वर्णन होता है।[2] दूसरे शब्दों में मानव की विशिष्ट घटनाओं का नाम ही इतिहास है।[3] या फिर प्राचीनता से नवीनता की ओर आने वाली, मानवजाति से संबंधित घटनाओं का वर्णन इतिहास है।[4] इन घटनाओं व ऐतिहासिक साक्ष्यों को तथ्य के आधार पर प्रमाणित किया जाता है।

इतिहास का आधार एवं स्रोत

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मुख्य लेख: इतिहास लेखन

इतिहास के मुख्य आधार युगविशेष और घटनास्थल के वे अवशेष हैं जो किसी न किसी रूप में प्राप्त होते हैं। जीवन की बहुमुखी व्यापकता के कारण स्वल्प सामग्री के सहारे विगत युग अथवा समाज का चित्रनिर्माण करना दु:साध्य है। सामग्री जितनी ही अधिक होती जाती है उसी अनुपात से बीते युग तथा समाज की रूपरेखा प्रस्तुत करना साध्य होता जाता है। पर्याप्त साधनों के होते हुए भी यह नहीं कहा जा सकता कि कल्पनामिश्रित चित्र निश्चित रूप से शुद्ध या सत्य ही होगा। इसलिए उपयुक्त कमी का ध्यान रखकर कुछ विद्वान् कहते हैं कि इतिहास की संपूर्णता असाध्य सी है, फिर भी यदि हमारा अनुभव और ज्ञान प्रचुर हो, ऐतिहासिक सामग्री की जाँच-पड़ताल को हमारी कला तर्कप्रतिष्ठत हो तथा कल्पना संयत और विकसित हो तो अतीत का हमारा चित्र अधिक मानवीय और प्रामाणिक हो सकता है। सारांश यह है कि इतिहास की रचना में पर्याप्त सामग्री, वैज्ञानिक ढंग से उसकी जाँच, उससे प्राप्त ज्ञान का महत्व समझने के विवेक के साथ ही साथ ऐतिहासक कल्पना की शक्ति तथा सजीव चित्रण की क्षमता की आवश्यकता है। स्मरण रखना चाहिए कि इतिहास न तो साधारण परिभाषा के अनुसार विज्ञान है और न केवल काल्पनिक दर्शन अथवा साहित्यिक रचना है। इन सबके यथोचित संमिश्रण से इतिहास का स्वरूप रचा जाता है।

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