Hindi, asked by satyamparashar3416, 4 months ago

मुझे भ्रम होता है कि प्रत्येक पत्थर में
चमकता हीरा है,
हर एक छाती मे आत्मा अधीरा है
प्रत्येक सुस्मित में विमल सदानीरा है,
मुझे भ्रम होता है कि प्रत्येक वाणी में
महाकाव्य पीड़ा है,
पलभर मैं सबमे गुजरना चाहता हूँ,
इस तरह खुद को ही दिए-दिए फिरता हूँ,
अजीब है जिंदगी! व्याख्या करे?​


satyamparashar3416: didn't get it

Answers

Answered by anjali7369
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  1. Explanation:

it helps you please make me brainlist

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