Hindi, asked by vipinkumar212003, 1 year ago

'मुझे कदम-कदम पर' कविता आपमे जीवन के प्रति किस प्रकार के दृष्टिकोण का विकास करती है उल्लेख कीजिए( clss 12 )

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Answered by saurav66609pa19oj
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कवि प्रगतिवादी कवि है, वह किसी गहन विषय पर लिखना चाहता है परन्तु जैसे ही वह अपनी अन्तदर्ृषिट चारों तरफ डालता है तो उसे एक नहीं अनेक ऐसे विषय दिखार्इ दे जाते हैं जिन पर लिखा जा सकता है। वह सभी विषय को टटोलना चाहता है ताकि उनमें से उसे कोर्इ ऐसा विषय मिल जाए जिस पर वह तन्मयता से लिख सके इसलिए उसे प्रत्येक पत्थर में हीरा नजर आता है अर्थात प्रत्येक समस्या एक उचित विषय नजर आती है। इसके साथ-साथ वह यह भी पाता है कि ऊपर से सुखी दिखार्इ देने वाला व्यकित अंदर से किसी न किसी महापीड़ा से दुखी है। वह उन सभी व्यकितयों की समस्याओं को सुनना चाहता है और स्वयं जा-जाकर उनसे मिलता है परन्तु आज का मनुष्य इतना स्वायत्त हो गया है कि वह स्वयं तो पीड़ा में घिरा रहना चाहता है परन्तु किसी अन्य से बातचीत कर अपने मन को हल्का नहीं करना चाहता।

कवि समाज की समस्याओं को कहानी के रूप में संजोकर जब आगे बढ़ता है तो वह पाता है कि इन सबको मिलाकर तो एक उपन्यास रचा जा सकता है क्याेंंकि इनमें दुख की कथाएँ, शिकायतें, किसी का अहंकार, किसी का चरित्रा तथा कुरान की सुर और आयतें आदि भी सुनने को मिलती हंै। कवि जब इन अनुभवों को लेकर आगे बढ़ता है तो पाता है कि यदि सौ बरस भी जीने को मिले तो भी इन समस्याओं पर लिखना समाप्त नहीं होगा। इसके साथ-साथ घर पर भी समस्याओं का अम्बार उसके सामने नजर आता है।

अन्त में कवि निष्कर्ष निकालता है कि आज जमाने में रचनाकार के पास लिखने के लिए विषयों की कमी नहीं है। विषयों का अम्बार है परन्तु समस्या यह है कि उन ढेर सारी समस्याओं में से किस ऐसे विषय पर लिखे जिसका समाज को उचित लाभ मिल सके।

Answered by spoorthiKT
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Answer:

Had ur coffee

Explanation:

Hello I have put in a lot of effort

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