मुझे खत ----------------------------- सूचना मिली ।
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पूरा प्रश्न क्या है ??????
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हांसी | बज्म‘ए’ अदब काव्य मंच द्वारा पीसीएसडी सीनियर सेकंडरी स्कूल के सभागार में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता कवि सुनील कुमार सुनील ने की। गोष्ठी में मुनीष भाटिया घायल ने ने अपनी ग़ज़ल पढ़ी-गुस्से में निकलते पापा जब मयखाने को, पीछे मैं भी चलता हूं दर्द भुलाने को। बलजीत बेनाम ने अपनी ग़ज़ल में समाज के चलन को देखते हुए कुछ इस तरह से अपनी ग़ज़ल प्रस्तुत की-एक बच्चे की खुदकुशी का सबब, उसके वालिद की ख्वाहिशें निकलीं। सुनील कुमार सुनील ने कुछ इस तरह से अल्फाज बया किए-मेरे खत को वो कभी खोल के पढ़ता ही नहीं ं, नाव कागज की बनाता है, बहा देता है। काव्य गोष्ठी में अनु अंजान ने कुछ इस तरह से गजल कही-असर उसको जरा नही होता, रंज राहत नहीं होता। गोष्ठी में कई अन्य कवियों ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।