'मुझको न मिला रे कभी प्यार' कविता का प्रतिपाद्य लिखिए।
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l►मुझको ना मिला प्यार कभी जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित कविता है, जिसमें एक प्रेमी हृदय अपने मन की व्यथा को व्यक्त करते हुए कह रहा है कि वह अपने पूरे जीवन में सच्चे प्यार को पाने के लिए भटकता रहा। लेकिन उसको प्यार कभी नहीं मिला उसको हर जगह तिरस्कार का सामना ही करना पड़ा। हर जगह उसने पुकार लगाई लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी।
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Thanks for asking........
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